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हर दिन ओपीडी में आने वाले 10 फीसदी मरीजों की करायें टीबी जांच



  • हर दिन ओपीडी में आने वाले 10 फीसदी मरीजों की करायें टीबी जांच
  • मरीजों की जांच में लैब टेक्नीशियन लायें तेजी, अन्यथा होगी कार्रवाई 
  • जिले में फिलहाल 68 निक्षय मित्रों द्वारा 125 मरीजों तक पहुंचायी जा रही जरूरी मदद 

अररिया, 10 जुलाई । 

SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA 

जिले में टीबी उन्मूलन को लेकर जरूरी प्रयास जारी है। इसे लेकर निक्षय मित्र की संख्या बढ़ा कर अधिक से अधिक टीबी मरीजों तक जरूरी सहायता उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं विभिन्न प्रखंडों में टीबी मुक्त पंचायत को चिह्नित करने का कार्य भी अपने अंतिम चरण में है। जिले में फिलहाल टीबी के कुल 2232 मरीज हैं। इसमें 672 मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत सरकार द्वारा प्रति माह 500 रुपये का भुगतान किया जा रहा है। शेष रोगियों को भी योजना का लाभ उपलब्ध कराने की दिशा में पहल की जा रही है। 

बीते दो माह में बने 54 निक्षय मित्र-

टीबी उन्मूलन के प्रयासों को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित विभाग जिम्मेदार सरकारी व गैर सरकारी संस्था, सक्षम व्यक्ति, राजनेता व गणमान्य लोगों को निक्षय मित्र बनने का मौका दे रही है। जिला टीबी समन्वयक दामोदार शर्मा ने बताया कि निक्षय मित्र बनकर कोई भी व्यक्ति टीबी मरीजों को गोद लेकर पोषण, उपचार व रोजगार के स्तर पर जरूरी मदद उपलब्ध करा सकता है। बीते अप्रैल माह तक जिले में महज 14 निक्षय मित्रों के माध्यम से गोद लिये गये 21 मरीजों को ये सुविधा उपलब्ध हो रही थी। बीते दो माह में इसकी संख्या बढ़ कर 68 हो गयी है। फिलहाल 125 टीबी मरीज योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। 

संभावित मरीजों की खोज में तेजी लाने का प्रयास- 

देश में वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित है। वहीं बिहार सरकार ने वर्ष 2024 तक इसे खत्म करने का निर्णय लिया है। इसके लिये जरूरी है कि अधिक से अधिक टीबी के संभावित मरीजों की खोज करते हुए उनका उपचार सुनिश्चित कराया जा सके। जानकारी देते हुए जिला टीबी समन्वयक दामोदर शर्मा ने बताया कि विभिन्न कारणों से जिले में संभावित मरीजों की खोज प्रक्रिया थोड़ी सुस्त हुई है। बीते मई माह में मरीजों के खोज संबंधी निर्धारित लक्ष्य 460 की तुलना में 231 मरीज को चिह्नित किया जा सका। वहीं भौतिक प्रतिवेदन के मुताबिक जून महीने में निर्धारित लक्ष्य 460 की तुलना में उपलब्धि 223 रही। इसमें सुधार का प्रयास किया जा रहा है। 

ओपीडी आने वाले 05 से 10 फीसदी मरीजों को हो टीबी जांच- 

संभावित मरीजों की खोज की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिये सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने अधिकारी व संबंधित कर्मियों को कड़े निर्देश दिये हैं। सिविल सर्जन ने बताया कि स्वास्थ्य अधिकारियों को हर दिन ओपीड़ी में आने वाले 05 से 10 फीसदी मरीजों की टीबी जांच सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है। इतना ही नहीं लैब टेक्नीशियन को जांच संबंधी गतिविधियों में तेजी लाने के लिये निर्देशित किया गया है। सिविल सर्जन ने कहा कि हर महीने रोगियों को चिह्नित करने संबंधी निर्धारित लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में विभाग का रवैया सख्त है। इसमें किसी तरह की लापरवाही के लिये जिम्मेदार पाये जाने पर संबंधित कर्मियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की चेतावनी उन्होंने दी।