Header Ads Widget

रिश्तों की असलियत का पोस्टमार्टम है हिन्दी नाटक सच कहूँ तो



  • जननायक नाट्य महोत्सव का दूसरा दिन
  • दिंनक 16 जुलाई, 2023. स्थान कालिदास रंगालय पटना।
  • रिश्तों की असलियत का पोस्टमार्टम है हिन्दी नाटक सच कहूँ तो !

बिहार की लोकप्रिय संस्थान क्रिएशन, पटना द्वारा संस्कृति मंत्रलय, भारत सरकार के सहयोग से और संस्कार भारती और रॉक एन रॉल के संयुक्त तत्त्वाधान में तीन दिवसीय ‘जननायक नाट्य महोत्सव’ के दूसरे दिन युवा रंगमंच राँची द्वारा अगथा क्रिस्टी द्वारा लिखित नाटक ‘सच कहूँ तो’ का मंचन देश के लोकप्रिय नाट्य निर्देशक अजय मलकानी के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। आज नाट्य मंचन के पूर्व प्रेक्षागृह में सर्वश्री पंकज कुमार, और जितेन्द्र चौरसिया मौजूद थे। उन्हें संस्थान की ओर स्मृति चिह्न दिया गया।




नाटक शुरू होता है- एक कत्ल से। कत्ल होता है मिस सिरीन वाडिया का। इस जूर्म के शक पर गिरफ्तार होता है नितिन जाधव---- और शुरू होता है कोर्ट रूम ड्रामा ‘सच कहूँ तो’। अपराध, रहस्य और रोमांच की विश्व प्रसिद्ध लेखिका क्रिस्टी की ‘दी विटनेस फॉर प्रॅजेक्यूशन’ का हिन्दी रूपांतरण है ‘सच कहूं तो’।



सच क्या है? दोषी कौन है? इसी की तपतीश होती है। सबूत, गवाह और जिरह के जरिये। पक्ष और विपक्ष वकीलों का भिड़न्त शक को यकीन में और यकीन को भ्रम में बदलता रहता है। असल मुजरिम की तलाश में रिश्तों की असलियत सामने आने लगती है, और अंत में जब सच सामने आता है तब सब भौचक्क हो जाते हैं। धनवाद बुजुर्ग और मिस वाडिया की मौत, साजिश है या इतेफाकन हादसा? यहाँ कथासार मौन रहेगा, लेकिन, ‘सच कहूं तो’ नाटक मुखर होकर खुल्लम खुल्ला, साफ-साफ सच बताएगा, इतना तय है?



प्रदर्शन को विनोदी रोमांचक बनाने के लिए संगीत और कहीं-कहीं चरित्रें के विपरीत चित्रण किये गये हैं। मंच विन्यास सरल और सपाट रखा गया है ताकि अभिनेताओं को ज्यादा मौका दिया जा सके।

मंच पर
नितिन जाधव - शंकर पाठक
वकील प्रताप - संजय शर्मा
धनंजय सिंघानिया - पंकज कुमार 
रश्मि - रिया कुमारी 
इंस्पेक्टर - मनमोहन सिंह बादल
आयशा - शालिनी कुमारी
जज - मुन्ना लोहार
सरस्वती सावंत - मोउ रॉय 
अभियोक्ता - सोनू कुमार सोनार

मंच परे (नेपथ्य)

मंच संचालन : कृति रानी 
प्रस्तुति प्रभार - मनमोहन सिंह बादल
स्टेज मैनेजर -  पंकज कुमार 
संगीत - सन्नी सिंह / दीपक चौधरी
वेश-भूषा - शालिनी कुमार / मोउ रॉय / रत्निी कुमारी
प्रकाश - दीपक चौधरी 
रूप-सज्जा - मुन्ना लोहार / दीपक चौधरी / मालोबिका मुखर्जी
सेट/प्रोपर्टी - मुन्ना लोहार / संतोष पाठक / सोनू कुमार सोनार
ब्रोशर/पब्लिसिटी - शंकर पाठक / गार्गी मलकानी / 
प्रस्तुति सहयोग - सुनिता ओरॉन / तृशा भाटिया/ पूर्णाशीष घोष
आलेख - अगाथा क्रिस्टी
हिन्दी रूपांतरण - मिहिर राजदा

परिकल्पना एवं निर्देशन:- अजय मलकानी
((उत्तम कुमार)
   सचिव, क्रिएशन, पटना