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हर्ष फायरिंग रोकने के लिए बिहार पुलिस की सख्ती, सार्वजनिक आयोजनों पर थाने को देनी होगी जानकारी।




न्यूज़ डेस्क। बिहार में शादी-विवाह, तिलक समारोह या किसी सांस्कृतिक कार्यक्रम से पहले अब थाने को इसकी सूचना देनी होगी। अगर कोई भी व्यक्ति इस मामले में कोताही बरतता है तो उस पर पुलिस का शिकंजा कसा जा सकता है।
पुलिस मुख्यालय ने शनिवार को एक अहम फैसला जारी करते हुए कहा कि हर्ष फायरिंग से होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए कानून में कई संशोधन और बड़े बदलाव किए हैं।

हर्ष फायरिंग करने वालों की खैर नहीं

पटना में पुलिस महानिदेशक कार्यालय में शुक्रवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए विधि व्यवस्था एडीजी संजय सिंह ने कहा कि अब शादी विवाह के मौके पर हर्ष फायरिंग करने वालों की खैर नहीं। उन्होंने कहा कि शादी-विवाह का मौका हो या फिर किसी अन्य कार्यक्रम के अवसर पर, लाइसेंसी हथियार से अकारण फायरिंग करना अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि इसके प्रमाण के बाद लाइसेंस धारी का लाइसेंस जब्त किया जा सकता है और उन पर कार्रवाई भी की जा सकती है।

इन नियमों को मानना जरूरी

एडीजी संजय सिंह ने बताया कि लगातार हर्ष फायरिंग की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए यह संशोधन किया गया है। सभी मैरिज हॉल को सीसीटीवी लगाना अनिवार्य सुनिश्चित किया गया है। इतना ही नहीं किसी व्यक्ति के द्वारा घर परिवार के बीच शादी-विवाह, तिलक समारोह, सामाजिक कार्यक्रम, सांस्कृतिक कार्यक्रम और ऐसे कोई भी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें काफी संख्या में लोग उपस्थित होते हैं। इसकी जानकारी कार्यक्रम से पहले थाने को मुहैया करानी होगी।

65 फीसदी घटनाएं लाइसेंसी हथियार से हुईं

बिहार में पिछले दो महीने के अंदर हर्ष फायरिंग की 40 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। उनमें 25 से अधिक लोगों की जान जाने की बात सामने आई है। पुलिस मुख्यालय का यह मानना है कि हर्ष फायरिंग में 65 फीसदी से अधिक घटनाएं लाइसेंसी हथियार के इस्तेमाल से हुई हैं।