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बाल विकास से संबंधित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन जरूरी



  • जिला प्रशासन व यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में हुई समीक्षात्मक बैठक
  • बाल विकास से संबंधित महत्वपूर्ण पांच बिंदुओं पर यूनिसेफ का फोकस                   
SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA 

 अररिया, 22 जून । 

बच्चों के समुचित विकास को बढ़ावा देने के लिये जिला प्रशासन व यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में महत्वपूर्ण बैठक गुरुवार को समाहरणालय स्थित परमान सभागार में आयोजित की गयी। इसमें बच्चों के व्यवहार परिवर्तन, सफ़लता, सुरक्षा, सहभागिता व बच्चों के विकास से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गयी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी इनायत खान ने जिले के बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिये यूनिसेफ द्वारा संचालित कार्यक्रम की सफलता को महत्वपूर्ण बताया। 




जिलाधिकारी कार्यक्रम की सफलता के लिये स्वास्थ्य, आईसीडीएस व शिक्षा सहित संबंधित अन्य विभागों के एकजुट को जरूरी बताया। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधि, जीविका दीदी, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविकाओं के बीच आपसी समन्वय को बेहतर बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यूनिसेफ के सहयोग से निर्धारित लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में विस्तृत रणनीति तैयार की गयी है। ताकि गुणवत्तापूर्ण सुविधाओं तक जिलावासियों की आसान पहुंच सुनिश्चित करायी जा सके। 

पांच प्राथमिकताओं पर विशेष फोकस- 

यूनिसेफ के वरीय सलाहकार रजनीश कुमार महाजन ने कहा कि फिलहाल यूनिसेफ पांच प्रमुख बिंदुओं पर विशेष तौर पर फोकस कर रहा है। इसमें बच्चों का विकास, बुनियादी शिक्षा, लिंग के आधार पर समानता, बालिका शिक्षा, किसी तरह की हिंसा से बच्चों का बचाव, बाल-श्रम, शोषण, एचआईवी एड्स व बच्चों के अधिकारों के वैधानिक संघर्ष के लिए किया जाने वाला काम प्रमुख है। उन्होंने कहा कि यूनिसेफ शिशु व मातृ स्वास्थ्य, गर्भवती महिलाओं में खून की कमी, बच्चों में कुपोषण के उपचार के लिए दवाइयां निःशुल्क उपलब्ध कराती हैं। साथ ही जीवन रक्षक टीके, एचआईवी पीड़ित बच्चों व उनकी माताओं के लिए दवा की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाती है। 

ज़िले के प्रखंडों से पांच-पांच पंचायतों का किया जाएगा चयन -

उप विकास आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य में हाल के वर्षों में काफी हद तक सुधार हुआ है। विशेष कार्ययोजना के क्रियान्वयन के लिये जिले के पलासी व जोकीहाट प्रखंड के पांच-पांच पंचायतों को चिह्नित किया गया है। चिह्नित पंचायत में स्वास्थ्य व आईसीडीएस के परस्पर सहयोग व समन्वय से यूनिसेफ की मदद से मॉडल पंचायत के तौर विकसित किया जाना है। उन्होंने कहा कि बच्चों में सामाजिक स्तर पर व्यवहार में परिवर्तन, उसकी सुरक्षा, सहभागिता के अलावा उसका सर्वांगीण विकास जरूरी है। 




सहयोगी संस्था यूनिसेफ के द्वारा निर्धारित 21 मापदंडों के आधार पर उपलब्ध सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार का आकलन किया जाना है। बैठक में यूनिसेफ की बिहार प्रमुख नसिफ़ा बिंते साफ़िक, सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह, डीईओ राज कुमार, डीपीओ आईसीडीएस रंजना सिंह, डीपीएम संतोष कुमार, शिवशंकर आनंद, यूनिसेफ के एसएमसी आदित्य कुमार सिंह सहित संबंधित विभागीय अधिकारी व कर्मी मौजूद थे।