मुंगेर। इन दिनों बिहार में नौकरी लगाने व ट्रांसफर पोस्टिंग करवाने के नाम पर लाखों की अवैध कमाई हो रही है, कुछ लोग किसी माननीय के करीबी कह कर या किसी प्रशासनिक पदाधिकारी के करीबी होने का भरते है दंभ. युवा नेता का ज्यादातर रुझान इस तरफ हो रहा है क्यूंकि कम समय में ज्यादा पैसा कमाने की चाहत युवाओं को कानूनी व गैर कानूनी कार्य में अंतर समझ नहीं आता है. इसी क्रम में मै आपको बता दूँ की मुंगेर जिला के जमालपुर प्रखंड अंतर्गत वोचाही गाँव के रहने वाले पिम पिम कुमार उर्फ़ दिलीप पासवान इन दिनों सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर व विभागीय परीक्षा पास करवाने के नाम पर साथ ही सरकारी तकनीकी संस्थान का सर्टिफिकेट दिलवाने का कार्य वृहद पैमाने पर कर रहे हैँ.
राजधानी पटना में कई गिरोहो से साठ गाठ हैँ. जिसका जीता जागता साक्ष्य बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सरैया मुजफ्फरपुर जिएनएम (GNM) बबीता कुमारी ग्राम बागेश्वरी, पो०-(कचहरी) शामपुर, थाना (हवेली) खड़गपुर, जिला-मुंगेर की निवासी जो दिनांक 16 अगस्त 2020 से स्टाफ नर्स ग्रेड (ए) के पद पर नियुक्त कि गयी. पति जमालपुर रेलवे सुरक्षा बल में कार्यरत है अब वो अपना ट्रांसफर मुंगेर करवाना चाहती है स्वयं के ट्रांसफर करवाने को लेकर वोचाही निवासी पिम पिम कुमार उर्फ़ दिलीप पासवान को यह कार्य हेतु दो लाख का चेक दे दिए और कुछ नगदी भी दिया गया. स्थानांतरण के तमाम प्रक्रिया को पूरा करा दिया गया है लेकिन लिस्ट अभी स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार के द्वारा जारी नहीं किया गया है जिस कारण चेक क्लीयरेंस नहीं हो पाया है.
आगे आपको बता दे की इसका ज्वलंत उदाहरण यह है की राजधानी पटना के पशुपालन विभाग के अधिकारी संजय पासवान के साथ मिलकर जिले के कई युवाओं को नौकरी लगाने के नाम पर करोड़ो की अवैध उगाही किया, ज़ब काम नहीं बना तो दोनों में आपसी रंजीसे इतनी बनी की पिम पिम कुमार उर्फ़ दिलीप पासवान एक दूसरे को देख लेने की बात कर दिए. पिम पिम उर्फ़ दिलीप पासवान ने कई युवाओं से पशुपालन विभाग के अधिकारी पर मुंगेर न्यायालय में मुकदमा दर्ज किया गया जिसमे जमानत लेने गए अधिकारी संजय पासवान को कई दर्जन युवाओं ने न्यायालय परिसर में बंधक बना लिया और हंगामा भी हुआ, नौकरी के नाम पर रूपया देने बाले युवाओं ने अपने पैसे की डिमांड करने लगे थे यह पूरा घटना दैनिक भास्कर अखवार में छपा था व कई मिडिया चैनलो पर भी चला था जो एक अहम साक्ष्य है.