- एईएस व जेई के संभावित खतरों से निपटने की तैयारियों में जुटा स्वास्थ्य विभाग
- अप्रैल व मई का महीना एईएस व जेई रोग के लिहाज से बेहद संवेदनशील
- रोग प्रबंधन व उपचार को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया गया जरूरी प्रशिक्षण
अररिया, 26 फरवरी।
SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA
जिला स्वास्थ्य विभाग एईएस व जेई के संभावित खतरों को लेकर जरूरी तैयारियों में जुट गया है. इसे लेकर स्वास्थ्य अधिकारी व संबंधित कर्मियों के प्रशिक्षण का सिलसिला जिले में शुरू हो चुका है. अप्रैल व मई का महीना एईएस व जेई के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जाता है. लिहाजा मार्च के अंत तक सभी स्वास्थ्य संस्थानों में रोग प्रबंधन व इलाज से जुड़ी सभी तैयारियों को अंतिम रूप देने की कवायद जिले में चल रही है।
इसी कड़ी में सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह की अध्यक्षता में एईएस व जेई यानी चमकी बुखार व मस्तष्कि ज्वर से संबंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
इसमें जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह, डीआईओ डॉ मोईज, सीडीओ डॉ वाईपी सिंह, डीएमएनई पंकज कुमार, डीसीएम सौरव कुमार सहित सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सहित अन्य शामिल थे।
एईएस व जेई का कुशल प्रबंधन जरूरी
सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि चमकी बुखार व मस्तिष्क ज्वर का कुशल प्रबंधन जरूरी है. प्रारंभिक अवस्था में रोग की पहचान व इलाज से जान माल की क्षति को काफी कम किया जा सकता है. इसे लेकर रोग से संबंधित लक्षण, बचाव व सुमचित इलाज से संबंधित विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराना प्रशिक्षण का उद्देश्य है. ताकि रोग से संबंधित मामला सामने आने पर सुविधाजनक तरीके से उनका इलाज संभव हो सके.
एईएस व जेई को लेकर अप्रैल व मई का महीना संवेदनशील
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने स्वास्थ्य अधिकारियों को रोग के प्रबंधन व इलाज संबंधी विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अप्रैल व मई का महीना एईएस व जेई के लिहाज से बेहद संवेदनीशील होता है. जो खासतौर पर बच्चों को प्रभावित करता है. इसमें तेज बुखार और उल्टी के साथ चमकी व बेहोशी से जुड़ी शिकायत होती है. इसे लेकर सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को जरूरी प्रशिक्षण दिया गया है. ताकि ऐसे मामले सामने आने के बाद रोगियों का उचित उपचार संभव हो सके. उन्होंने कहा कि इलाज से संबंधित सभी जरूरी दवाओं का किट सभी प्रमुख चिकित्सा संस्थानों को उपलब्ध कराया गया है. इससे रोग से संबंधित गंभीर मामले सामने आने पर जरूरी उपचार के साथ उन्हें तत्काल एंबुलेस उपलब्ध कराते हुए उच्च चिकित्सा संस्थान रेफर किया जा सकेगा.
दूसरे चरण में प्रखंड स्तरीय कर्मियों को दिया जायेगा प्रशिक्षण
डीवीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण के दूसरे चरण में प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य कर्मियों को जरूरी प्रशिक्षण दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि इसे लेकर जिला स्तर से स्वास्थ्य अधिकारियों की विशेष टीम गठित की जायेगी. विशेष टीम द्वारा प्रखंडों में पारा मेडिकल स्टॉफ, इमरजेंसी स्टाफ, नर्स सहित संबंधित अन्य कर्मियों को जरूरी प्रशिक्षण दिया जायेगा. ताकि रोग संबंधी शिकायत लेकर किसी मरीज के पहुंचने पर वे बिना किसी घबराहट के इसका कुशलता पूर्वक प्रबंधन करने में सक्षम हो सकें.
रोग से बचाव के लिये करें ये उपाय
रोग से बचाव के लिये साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना जरूरी है
बच्चे खाली पेट न सोएं, इसका विशेष तौर पर ध्यान रखें
रात में बच्चों को खाली पेट सोने न दें
लीची के अत्यधिक सेवन से परहेज करें