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प्रांगण द्वारा आयोजित पांच दिवसीय पाटलिपुत्र नाट्य महोत्सव 2022-23 के आखिरी दिन 6 फरवरी 2023 सम्पर्क, राउरकेला उड़ीसा की प्रस्तुति।




37वाँ पाटलिपुत्र नाट्य महोत्सव 2022-23


सामन्ता चंद्रशेखर
नाटककार : भास्कर चन्द्र महापात्र, 
निर्देशक : भास्कर चन्द्र महापात्र, 

कथासार
जो निज स्वार्थ त्यागकर बिना लाग-लपेट अपना सर्वस्व दूसरों के कल्याण और समाज के हित में लगा देते हैं, वही "महान" कहलाते हैं। उनके किये कार्यों और दिखाए गये मार्गों का अनुशरण कर जो विपथगामी को सुपथ पर लाता है, वह भी महान कहा जा सकता है। 




ऐसे ही महान आत्माओं में एक थे, महामहोपाध्याय पठानी सामन्ता चंद्रशेखर सिंह हरिचंदना महापात्रा। उनका जन्म खानदापदा साम्राज्य में हुआ था। वे अपनी गरीबी और बीमारी से लगातार जूझते रहे। फिर भी सदा बाँस या लकड़ियों का औजार बनाकर आकाश को निहारते रहते थे, पेड-पौधों का अवलोकन करते रहते थे। वे लगातार कुछ ढूंढ रहे होते थे और इसी काम में उन्होंने अपना पूरा जीवन खपा दिया। पेड़-पौधों की स्थिति और गतिशीलता पर किये गये अपने खोज के परिणामस्वरूप उन्होंने दुनिया को बेमिसाल तोहफा दिया जो बाद में समाज और दुनिया के लिए वरदान साबित हुआ। 




इसी अन्वेषण और उपलब्धि पर आधारित उन्होंने एक किताब भी लिखी, "सिद्धान्त दर्पण । उड़िया साहित्य में भले यह आज भी कृति हो पर समाज ने तो जैसे इसे भुला ही दिया है।





मंच पर : भास्कर चन्द्र महापात्रा, बुशिन्धा मोहन्ती, विजय पात्रो, सुरेन्द्र पाघी, प्रलय सतपथी, तृप्ति नारायण मिश्रा, प्रज्ञानन्द मोहन्ती, पुष्पा बिशोई, सस्मित बेक, सेदेशना रानी राउत, सुरभि राणा 

नेपथ्य
संगीत : शक्ति प्रसाद मिश्रा, प्रकाश: राकेश सतपथी, मंच व्यवस्था : प्रलय सतपथी, 
रूप सज्जा : मामा चित्रालय (पिंक)

नुक्कड़ पर

एकजुट, खगौल, पटना
बापू की हत्या हजारवीं बार
लेखक:- सुशील कुमार सिंह
निर्देशक:- अमन कुमार

       कथासार
इस नाटक में यह दिखाया गया है कि दुनिया को मानवता का मार्गदर्शन देनेवाले बापू के देश में आज भी उनके आदर्शों की अनदेखी हो रही है। दहेज, नशा, बाल विवाह, भ्रष्टाचार, स्वच्छता आदि से मुक्ति के लिए बापू का यह देश आज भी छटपटा रहा है। हम बापू के स्वभाव के विपरीत अपने कर्तव्य से विमुख होते जा रहे हैं। नाटक जनसमुदाय को बापू के आदर्शों पर चलने को प्रेरित करता है।

पात्र परिचय:- पागल 1- अमन कुमार, पागल 2- दीनानाथ गोस्वामी, नेता अमरजीत शर्मा, सूत्रधार - सौम्या भारती, शराबी रोहन राज, वैष्णव – प्रशांत संगीत श्यामाकांत / रंजित दास - कुमार. भिखारी अजय कुमार
संगीत - श्यामा कांत/ रंजीत दास

प्रांगण, पटना
लोक गायन की प्रस्तुति

प्रांगण के कालाकारों द्वारा कलाकार:- रामकृष्ण सिंह
कलाकार
कुंदन कुमार
शिखा कुमारी
मोनी कुमारी
संगीत सहयोगी:- विकास कुमार / दिनेश कुमार (ढोलक)
समीर कुमार (बांसुरी)
संजय कुमार (इफैक्ट)

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 समानता चंद्रशेखर
संपर्क राउरकेला उड़ीसा, 
प्रायोजक : पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता

बैंड मास्टर
विनोद रस्तोगी स्मृति संस्थान, 
प्रायोजक : प्रयागराज उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केद्र

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पाटलिपुत्र नाट्य महोत्सव 2022-23 में अपने जिम्मेदारियों के साथ डटे रंगकर्मी . . . 
सचिव अभय सिन्हा
अध्यक्ष मधुरेश शरण
उपाध्यक्ष अनिल वर्मा,
कोषाध्यक्ष सोमा चक्रवर्ती 
महोत्सव संयोजक : नीलेश्वर मिश्र
नुकड़ मंच प्रभारी : ओम प्रकाश, 
प्रेक्षागृह प्रभारी : अमिताभ, दिनेश,आशुतोष, संजय, अतीश ,अरविंद।
भोजन व्यवस्था : संजय बरनवाल
आवास व्यवस्था : राजेश पांडेय, 
नुकड एवम मंच उद्घोषणा : संजय सिंह। 
कालिदास परिसर साज सज्जा : उमेश शर्मा, 
परिसर लाइट सज्जा : संजय बरनवाल, 
सुरक्षा व्यवस्था : अगर सिक्योरिटी
स्टील और वीडियोग्राफी : रतन कुमार और रवि, 
महोत्सव संयोजक सहयोग : संजय सिंह 

मीडिया प्रभारी
मनीष महिवाल
9304858403 Whatsaap 
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