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10 दिवसीय नाबार्ड हाट का समापन, 2023 में नाबार्ड हाट के माध्यम से फिर से होगी उद्यमियों से मुलाकात अर्चना सिंह



  • पत्थर वह लकड़ी को नई पहचान लेते हैं हस्तशिल्पी : सुशांत कुमार पाणिग्रही , मुख्य मंडल प्रबंधक एलआईसी
  • नाबार्ड हाट के माध्यम से मिल रही उद्यमियों के उद्यम को पहचान : सतपाल
  • 10 दिवसीय नाबार्ड हाट का समापन
  • 2023 में नाबार्ड हाट के माध्यम से फिर से होगी उद्यमियों से मुलाकात : अर्चना सिंह

पटना/15 दिसंबर 2022।। राजधानी के गांधी मैदान में 10 दिनों से लगे नबार्ड हाट का गुरुवार को समापन हो गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि एलआईसी के मुख्य मंडल प्रबंधक सुशांत कुमार पाणिग्रही ने कहा कि हस्तशिल्प अथर्व लकरी को नई पहचान दे रहे हैं और इस पहचान से ग्राहकों को कलाकृति को खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा बिहार गौतम बुद्ध, भगवान महावीर एवं गुरु गोविंद सिंह की धरती रही है और यहां से पूरे देश को शांति का संदेश जाता है। 




इस आयोजन में 22 राज्य व बिहार के अन्य जिलों से प्रतिभागी आए और उन्होंने अपने कलाकृति का पहचान यहां आए लोगों के सामने रखा जो सराहनीय है। इस मौके पर नाबार्ड के डीजीएम सतपाल ने कहा कि हस्तशिल्पियों के हुनर को इस नाबार्ड हाट के माध्यम से पहचान मिल रही है और हस्तशिल्पियों के बन रहे प्रोडक्ट को यहां मार्केट के साथ-साथ उनके उद्यम को भी पहचान मिल रही है। 




उन्होंने कहा कि इस हाथ के माध्यम से हस्तशिल्पियों को दूसरे स्टॉल पर लगे प्रोडक्ट से डिस्प्ले के भी ट्रेनिंग मिल रही है। उन्होंने कहा कि अब पटना में हर साल नाबार्ड हाट का आयोजन होगा और इससे बिहार के और देश के हस्तशिल्पियों को अपने प्रोडक्ट को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा। 




नाबार्ड हाट की आयोजक अम्बपाली हस्तकरघा एवं हस्तशिल्प बहु राज्य सहकारी समिति की अध्यक्ष अर्चना सिंह ने कहा कि हस्तशिल्पियों के साथ विदा होना काफी दुखद अनुभूति है और हम यहां आए कलाकारों से कहते हैं कि 2023 में हम लोग जल्द मिलेंगे। इसकी तैयारी मार्च से आरंभ हो जाएगी और अच्छे से अच्छे समय को देख कर फिर से हम लोग एकत्रित होंगे। आयोजन के अंतिम दिन मैजिक शो पार्श्व गायन सहित कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इस मौके पर नाबार्ड के अधिकारी अमित कुमार एलआईसी के अधिकारी मनीष कुमार सहित बड़ी संख्या में गणमान्य अतिथि मौजूद थे।