- -जिले में हृदय रोग से ग्रसित बच्चों का बुधवार को पटना के आईजीआईसी में होगी काउंसिलिंग
- -सरकारी खर्च पर जिले में चिह्नित लगभग आधा दर्जन बच्चे शिविर में लेंगे भाग
अररिया, 14 दिसंबर । SON OF SIMANCHAL,GYAN MISHRA
हृदय संबंधी रोग से ग्रसित जिले के आधा दर्जन से अधिक बच्चों को इलाज के लिये पटना भेजा गया है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित बाल हृदय योजना के तहत इन बच्चों का नि:शुल्क इलाज होना है। जिले में हृदय रोग से ग्रसित बच्चों के लिये 15 दिसंबर यानि बुधवार को इंदिरा गांधी इंस्टीच्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी पटना में विशेष शिविर का आयोजन किया गया है। जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा रोग की गंभीरता का पता लगाने के लिये बच्चों की जरूरी जांच की जायेगी। फिर इलाज के लिये उन्हें बेहतर चिकित्सा संस्थानों में भेजा जायेगा। बच्चों के इलाज से लेकर बच्चे व अभिभावकों के आने जाने सहित तमाम खर्च सरकार द्वारा वहन किये जायेंगे।
आईजीआईसी में आयोजित जांच शिविर में बच्चे लेंगे भाग :
जानकारी देते हुए आरबीएसके जिला समन्वयक डॉ तारिक जमाल ने बताया कि पटना में 15 से 17 दिसंबर के बीच विशेष शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जहां निर्धारित तिथि के मुताबिक विभिन्न जिलों के रोग ग्रस्त बच्चों की काउंसिलिंग सहित जरूरी जांच के लिये आमंत्रित किया गया है। अररिया जिले के शिविर का आयोजन 15 दिसंबर को निर्धारित है। लिहाजा आरबीएसके टीम द्वारा हृदय रोग से ग्रसित चिह्नित कुल 09 बच्चों को विशेष शिविर में भाग लेने के लिये पटना भेजा गया है।
जिले के कुल 09 बच्चे जांच शिविर में लेंगे भाग :
जानकारी मुताबिक आठ माह से लेकर आठ साल तक के हृदय रोग से ग्रसित बच्चों को इलाज के लिये पटना भेजा गया है। इसमें अररिया आरएस निवासी आदित्य कुमार के आठ माह के बेटे महेश कुमार के हृदय में छेद की पुष्टि पूर्व में ही विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा की जा चुकी है।
इसके अलावा जोकीहाट से दो, भरगामा से दो, नरपतगंज से दो व रानीगंज व सिकटी प्रखंड से 01 बच्चे को इलाज के लिये पटना भेजे जाने की बात आरबीएसके के जिला समन्वयक ने बतायी।
रोगग्रस्त बच्चों के नि:शुल्क इलाज का है प्रावधान :
डीपीएम रेहान अशरफ ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विभिन्न रोग से ग्रसित 0 से 18 साल के बच्चों के लिये इलाज का नि:शुल्क इंतजाम सुनिश्चित कराता है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत ही बाल हृदय योजना भी संचालित है। इसके तहत हृदय में छेद सहित विभिन्न तरह के हृदय रोग से ग्रसित बच्चों के नि:शुल्क इलाज का इंतजाम है। रोगग्रस्त बच्चों का पहले विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जरूरी जांच की जाती है। फिर जरूरी पड़ने पर उन्हें बेहतर चिकित्सा संस्थान भेजा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में आने वाला खर्च सरकार वहन करती है। आम लोगों को सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहिये।