- कालाजार प्रभावित जिले के चिह्नित 122 गांवों में होगा अभियान का संचालन
- आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर करेंगी कालाजार के संभावित मरीजों की खोज
अररिया, 17 दिसंबर सन आफ सीमांचल ज्ञान मिश्रा।
जिले में कालाजार मरीजों की खोज के लिये विशेष अभियान का संचालन किया जायेगा। कालाजार प्रभावित चिह्नित इलाकों में अभियान का संचालन 19 दिसंबर से शुरू होगा। सात दिवसीय इस अभियान के क्रम में आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर कालाजार के संभावित मरीजों की खोज करेंगी। क्षेत्र भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता 15 दिन या इससे अधिक समय से बुखार पीड़ित वैसे मरीज जिनका बुखार मलेरिया व एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन के बावजूद ठीक नहीं हुआ हो। वैसे लोगों को कालाजार संबंधी जांच के लिये प्रेरित किया करेंगी। इसे लेकर आशा कार्यकर्ताओं को खासतौर पर प्रशिक्षित किया गया है। अभियान की सफलता को लेकर क्षेत्र में लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
चिह्नित 122 गांवों में होगा अभियान संचालित :
कालाजार मरीजों के घर-घर खोज अभियान के लिये जिले के 122 गांवों को चिह्नित किया गया है। अभियान के लिये ऐसे गांवों का चयन किया गया है। जहां हाल के वर्षों में कालाजार के सबसे अधिक मामले सामने आये हैं। अभियान के तहत चिह्नित गांव के कुल 50, 300 घरों का सर्वे किया जाना है। इसके लिये कुल 205 आशा कार्यकर्ता को लगाया गया है। आशा कर्मियों के कार्यों की मॉनिटरिंग के लिये 73 आशा फैसिलिटेटर को लगाया गया है। इसके अलावा प्रखंड व जिलास्तर से भी अभियान की निगरानी व अनुश्रवण के लिये अधिकारियों को नामित किया गया है।
जिले में कम हो रहे कालाजार के मामले :
कालाजार संबंधी मामलों की जानकारी देते वीडीसीओ ललन कुमार ने बताया कि बीते कुछ वर्षों जिले में कालाजार संबंधी मामलों में काफी कमी आयी। वर्ष 2019 में जिले में जहां वीएल व पीकेडीएल के कुल 106 मामले सामने आये थे। वहीं 2020 में कुल 98 मामले सामने आये। वर्ष 2021 में मई माह तक महज 26 मामले ही सामने आये हैं।
15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण :
वीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। रोग संबंधी अन्य लक्षणों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं।
रोग को पूर्णत: खत्म करने का हो रहा प्रयास :
वीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि कालाजार रोग को पूर्णत: खत्म करने के लिये विभागीय स्तर से कई प्रयास किये जा रहे हैं। ग्रामीण चिकित्सकों द्वारा संभावित मरीजों को जांच के लिये पीएचसी भेजे जाने व व्यक्ति में रोग की पुष्टि होने पर उन्हें प्रोत्साहन राशि के रूप में 500 रुपये देने का प्रावधान है। इसे लेकर ग्रामीण चिकित्सकों को जरूरी प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कालाजार मरीजों के इलाज की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने के प्रावधान की जानकारी उन्होंने दी।