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टीचर्स ऑफ़ बिहार के फेसबुक पेज पर रविवार को लॉक डाउन में लर्निंग कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित "लैट्स टॉक" में साइबर सुरक्षा, चुनौतियां एवं समाधान विषय पर हुई चर्चा।



अररिया/फारबिसगंज (ज्ञान मिश्रा)

टीचर्स ऑफ बिहार के द्वारा रविवार को फेसबुक पेज पर लाइव कार्यक्रम लेट्स टॉक का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य रूप से फेसबुक आईडी का हैक हो जाना, फ्रॉड कॉल का शिकार होना एवं कैसे बचाएं अपने फोन और लैपटॉप को इन हैकर्स और वायरस से? जैसे मुख्य विषयों पर मुख्य अतिथि विश्वविख्यात साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ सह संस्थापक और सीईओ 'साइबरोपस इंफोसेक' मुकेश चौधरी से टीचर्स ऑफ बिहार के फाउंडर शिव कुमार एवं टेक्निकल टीम लीडर शिवेंद्र सुमन के द्वारा विस्तृत चर्चा की गई।

             कार्यक्रम के प्रारंभ में ही इस लाइव कार्यक्रम लेट्स टॉक को मॉडरेट करते हुए टीचर्स ऑफ बिहार के फाउंडर शिव कुमार के द्वारा देश मे हो रहे साइबर क्राइम की वर्तमान स्थिति पर आधारित एक शॉर्ट वीडियो दिखाकर परिचर्चा की शुरुआत की गई।

                साईबर सुरक्षा विशेषज्ञ मुकेश चौधरी के द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, ट्विटर के उपयोग एवं ऑनलाईन लेन देन करने से संबंधित जरूरी बातों को ध्यान में रखते हुए कैसे हम साइबर क्राइम के शिकार होने से बच सकते है इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। साथ ही उनके द्वारा यह भी जानकारी दी गई कि गूगल अकाउंट बनाने के क्रम में हम सभी को ये ध्यान रखना जरूरी है कि सेटिंग्स में अकाउंट रिकवर करने वाले विकल्प में टू स्टेप वेरिफिकेशन के विकल्प को ही प्रथमिकता दी जाए।

               इतना ही नहीं दर्शकों के द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब देने के क्रम में इन्होंने सोशल मीडिया के जितने भी प्लेटफॉर्म है उसके उपयोग करने के साथ-साथ प्राइवेसी फैसिलिटी और सिक्योरिटी पर ध्यान देने को कहा। 

             फ़ेसबुक हैंकिंग के संबंध में बताया कि आप अपने फेसबुक सेटिंग्स में प्रोफाइल को लॉक करके रखे और अपने पासवर्ड में मोबाइल नंबर का उपयोग नहीं करें तो हम अपने फ़ेसबुक अकाउंट को हैक होने से बचा सकते हैं। इसके बावजूद यदि आपका फेसबुक अकाउंट हैक होता है या कोई आपके अकाउंट का क्लोनिंग करता है तो सर्वप्रथम आप अपने फेसबुक अकाउंट से ही अपने उस क्लोनिंग अकाउंट पर रिपोर्ट करें उसके बाद नजदीकी थाना में शिकायत दर्ज करे जिसके बाद साइबर सेल के सहयोग से अपराधियों तक पहुंचा जा सकता है। साथ ही वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज की जा सकती है। 

           साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ श्री चौधरी ने कहा कि कुछ ऐसे भी एप्लीकेशंस हैं जो प्लेस्टोर पर उपलब्ध नहीं है फिर भी हम उसे अपने मोबाइल में डाउनलोड करते है। डाउनलोड करते वक्त हमें अलर्ट किया जाता है कि यह ऐप आपके लिए हानिकारक है फिर भी हम उस ऐप को डाउनलोड करते ही हैं। उस परिस्थिति में उपयोगकर्ता को स्वयं सोचना चाहिए कि उनको उनकी इच्छानुसार सुविधा युक्त ऐप चाहिये या साइबर क्राइम के शिकार होने से बचने का उपाय। 

                 अंत में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ मुकेश चौधरी ने टीचर्स ऑफ बिहार से जुड़े शिक्षको से कहा कि शिक्षक अगर चाहे तो लोगो को साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक करके उन्हें साइबर क्राइम के शिकार होने से बचा सकते हैं।

            उक्त सभी जानकारी टीम टीचर्स ऑफ बिहार के प्रवक्ता रंजेश सिंह ने दी।