सीतामढ़ी : एक तरफ बिहार सरकार कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए लॉकडाउन बढ़ा रही है। दूसरी ओर सरकारी नुमाइंदे ही इसे फेल करने में जुटे हैंबताते चलें कि लॉकडाउन-3 में शादी समारोह में 20 से अधिक लोगों को शामिल होने की अनुमति नहीं है और न ही मंच पर डांस की। लेकिन सीतामढ़ी से जो तस्वीर आई है,वो बेहद चौंकाने वाली है। प्रशासन की नाक के नीचे सरकार के आदेश का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन पूरी रात होता रहा,लेकिन प्रशासन पूरी तरह अंजान बनी रही।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक माधोपुर रौशन भिसा गांव में पंचायत सचिव वीरेन्द्र कुमार की बेटी की शादी थी। सचिव अपनी बेटी की शादी को लेकर इतने उत्साहित थे कि उन्होंने इस समारोह के लिए थाने से परमिशन लेना भी जरूरी नहीं समझा।वही इस शादी समारोह में 500 से भी अधिक लोग नजर आए, वही इस दौरान न तो सोशल डिस्टेंसिंग और ना ही किसी के चेहरे पर मास्क दिखा। इतना ही नहीं बारातियों के लिए बैंड-बाजे के साथ बार-बालाओं के डांस का खास इंतजाम किया गया था।
पुलिस को भी नहीं लगी भनक
जयमाला के बाद रात भर बार-बालाएं ठुमके लगाती रहीं। कोविड प्रोटोकॉल तोड़कर लोग झूमते रहे। लेकिन पुलिस को इसकी भनक नहीं लगी। सदर DSP रमाकांत उपाध्याय ने बताया कि इस मामले की जानकारी नहीं है। वीडियो और तस्वीरों की जांच करवाई जा रही है। पंचायत सचिव द्वारा थाने से अनुमति नहीं ली गई थी। थानाध्यक्ष को जांच का आदेश दिया गया है। जो भी दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई होगी।
DJ की तेज आवाज, लोगों को हुई परेशानी
स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में पांच लोग अगर बैठकर कीर्तन कर रहे होते हैं या किसी गरीब के घर में शादी होती तो स्थानीय पुलिस वहां जाकर बैंड बाजा बंद करवा देती है। लेकिन यहां कोई कार्रवाई नहीं हुई। सवाल यह उठता है कि इतना बड़ा कार्यक्रम हुआ कैसे? क्या इसके लिए आदेश लिए गए थे?डीएम एसपी आवास से महज कुछ ही दूरी पर देर रात तक डांस कार्यक्रम चलता रहा और प्रशासन सोती रही।फिलहाल इस मामले में अबतक कोई कार्रवाई नही हुई हैं।
सीतामढ़ी से रंजीत कुमार की रिपोर्ट