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बीडीओ ने मास्क की कमी के लिए बीपीएम को ठहराया जवाबदेह


 

मधुबनी - लदनियां से हरिश्चन्द्र यादव की रिपोर्ट

कोरोना महामारी से बचाव का हथियार बन चुके मास्क के निर्माण की जिम्मेदारी सरकार ने जीविका दीदियों को दी है। मास्क का वितरण पंचायत सचिवों के द्वारा पंचायतवार किया जा रहा है। 31 मई तक छह पंचायतों के लिए 1 . 39 लाख मास्क का निर्माण कर प्रखंड कार्यालय को उपलब्ध कराना था। अभीतक मात्र 66 हजार मास्क उपलब्ध कराये गये हैं। पूर्वी कुमरखत, लक्ष्मीनियां, पिपराही व खोजा पंचायत में प्रति परिवार छह मास्कों की दर से वितरण कर दिया गया है। पद्मा व डलोखर पंचायत में इसका वितरण किया जा रहा है। 


इस बीच मास्क की गुणवत्ता पर उठते सवाल के मद्देनजर बीडीओ अखिलेश्वर कुमार ने अभी तक उपलब्ध कराये गये मास्कों में से लगभग दस हजार मास्कों को रिजेक्ट कर दिया है। इस सम्बंध में बीडीओ ने बीपीएम से स्पष्टीकरण व कारण पृच्छा भी पूछा है। मास्क निर्माण में गुणवत्ता व समय की अनदेखी को गंभीरता से लेते हुए बीडीओ ने महथा व पिपराही पंचायत के जीविका समूहों से सम्बद्ध दीदियों के घर पहुंच रविवार को पूछताछ की। दीदियों ने कहा कि प्रखंड जीविका कार्यालय द्वारा उपलब्ध कपडे़ व धागे से मास्क बनाया जाता है। सिलाई व कटाई के बदले निर्धारित साढ़े पांच रूपये की जगह बीपीएम द्वारा तीन रूपये देने की बात कही जा रही है,जो परिश्रम के हिसाब से बहुत कम है। 


यही कारण है कि जीविकाओं द्वारा निर्माण में शिथिलता बरती जा रही है। यह पूछे जाने पर कि दीदियों द्वारा बरती जा रही शिथिलता के बावजूद बीपीएम ने 66 हजार मास्क कहां से लाये। बीडीओ ने कहा सवाल शक के घेरे में है। इस संबंध में पूछे जाने पर जीविका के बीपीएम प्रवीण कुमार ने बताया कि कमेटी द्वारा दिए गए कपड़े के नमूने के अनुसार दीदियों द्वारा मास्क निर्माण कराया जा रहा है। प्रति मास्क मात्र तीन रूपये पारिश्रमिक का आरोप गलत है। मौके पर प्रमुख प्रतिनिधि सत्यनारायण साफी, विष्णुकांत राय आदि थे।