अमरजीत सिंह संवाददाता भागलपुर:
डेस्क:- भागलपुर ( बिहार ) के गौतम व कुमकुम की अनोखी शादी हुई। बिना बारात साथ लिए दुल्हा साइकिल से दुल्हन के घर पहुंच गया। ना कोई दहेज और न ही दिखावा। शादी की रश्में हुई। और दुल्हन को साइकिल से विदा कर घर लेते आए बिहार में इन दिनों गौतम व कुमकुम की अनोखी शादी का एक मामला काफी चर्चा का विषय बना हुआ है गौतम भागलपुर जिले का रहने वाला है और कुमकुम बांका जिले की दोनों का प्रेम काफी पुराना था। इस प्रेम को दोनों का शादी का रूप दे दिया। आइए
जानिए किया हे पूरा मामला :-
भागलपुर के सुल्तानगंज के बाथ थाना अंतर्गत नयागांव पंचायत स्थित ऊंचागांव दक्षिण टोला निवासी अनिल तांती के मंझला पुत्र गौतम कुमार हे वह 13 मई 2021 को अकेले ही साइकिल से बांका जिले के शंभूगंज प्रखंड के भरतशिला पंचायत स्थित कंचननगर गांव पहुंच गए। वहां उन्होंने ब्रहमदेव तांती की पुत्री कुमकुम कुमारी से हिन्दू रीति-रिवाज के साथ शादी की। इस शादी में उपहार स्वरूप दहेज भी गौतम ने नहीं लिया और न ही विदाई के समय कोई सामान।
दो वर्ष पूर्व शादी में ऊंचागांव आने पर कुमकुम से हुआ था गौतम को प्यार
दो वर्ष पूर्व कुमकुम अपने रिश्तेदार के घर ऊंचागांव शादी में आई थी। इसी दौरान गौतम व कुमकुम में दोस्ती हुई। दोस्ती कब प्यार में बदल गया, यह पता नहीं चला। धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे के काफी करीब आ गए। साथ जीने-मरने का कसमें खाई। मोबाइल के जरिए प्यार परवान चढ़ता गया। इस बात जानकारी धीरे-धीरे दोनों के माता-पिता को लग गई। प्रारंभ में तो दोनों के स्वजनों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की, दोनों को काफी समझाया, पर जब गौतम व कुमकुम नहीं माने तो दोनों ने स्वजनों ने शादी के लिए हामी भर दी।
कोरोना के कारण हुआ विलंब
गौतम और कुमकुम चाहते थे शादी धूमधाम से हो। परंतु एक वर्ष से कोरोना ने शादी पर ग्रहण लगा दिया। लेकिन दोनों के बीच प्यार कम नहीं हुआ। मोबाइल पर घंटों बातें होती रही। लॉकडाउन लग गया। मोबाइल के जरिए दोनों एक-दूसरे को तसल्ली देते रहे। इस साल भी लॉकडाउन लग जाने से दोनों की शादी रुक गई। दोनों युगल मिलने के लिए बेकरार हो गए। दोनों मिलना चाहते थे इस बीच एक दिन गौतम के पिता अनिल तांती अपने साला राजीव की शादी में चले गए थे। उनकी मां भी अपने मायके (महौता, अमरपुर, बांका) में थी। मौका का फायदा उठाकर 13 मई 2021 को गौतम अपने घर में साढ़े चार बजे शाम को फुलपैंट-शर्ट पहन कर निकल गए। साइकिल चलाते हुए लड़की के गांव कंचननगर साढ़े सात बजे पहुंच गए। इसकी जानकारी लड़की और उनके स्वजनों को लगी। आनन-फानन में लड़की के स्वजनों ने गौतम को दूल्हा का कपड़ा व मोर पहनाया। लड़की वालों ने साइकिल पर ही बिठाकर गांव के चौराहे से अपने घर तक बारात के रूप में गौतम को लाए।
इस दौरान गौतम के स्वागत के लिए काफी संख्या में ग्रामीण वहां मौजूद थे। फिर दोनों की शादी हिन्दू रीति-रिवाज के साथ संपन्न हुई। शादी के बाद दो दिनों तक दूल्हा-दुल्हन वहीं रुके,क्योंकि गौतम के माता-पिता राजीव के शादी समारोह में शामिल होने गए थे। गौतम के मामा का नाम राजीव है 18 मई को गौतम के माता-पिता शादी समारोह के बाद घर पहुंचे। तब उनको गौतम ने कुमकुम से शादी कर ली, इसकी जानकारी मिली। 19 मई को गौतम अपने साइकिल पर बैठाकर कुमकुम को लेकर अपने ससुराल से विदा हो गए। उसके बाद कुमकुम के भाई ने एक चारपहिया वाहन का इंतजाम किया, उसपर सवार होकर पति, पत्नी और साला (कुमकुम का छोटा भाई) तीनों घर पहुंचे, जहां गौतम के माता-पिता ने वर-वधू का स्वागत किया और आशीर्वाद दिया। सभी रश्में पूरी की।
इस बीच बांका जिले के शंभूगंज प्रखंड के बीडीओ प्रभात रंजन ऊंचागांव पहुंचे। उन्होंने वर-वधू को अशीर्वाद दिया। गौतम व कुमकुम को उपहार दिए। बीडीओ ने कहा नवदंपती को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का लाभ दिलाया जाएगा। इस शादी में कई आदर्श स्थापित हो गए। बिना दहेज की शादी हुई। प्रेम प्रसंग को शादी के बंधन में बांधा गया। दोनों पक्ष के लोगों ने शादी में अपनी सहमति दी। सादगीपूर्ण शादी हुई।