ख़ुसरू परवेज़ | जिला संवाददाता, रोहतास
जिले के नासरीगंज व्यापार मंडल के द्वारा धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य में कटौती से लोगों में रोष है। साथ ही संबंधित विभाग द्वारा नगर के धान की फसल उत्पादन की रिपोर्ट शुन्य किये जाने को लेकर व्यापार मंडल अध्यक्ष सीडी सिंह ने अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। अध्यक्ष ने बताया कि पिछले साल धान अधिप्राप्ति के लिए उनकी संस्था का लक्ष्य 5400 क्विंटल था। जबकि जारी वर्ष में इसे घटा कर मात्र 3600 क्विंटल कर दिया गया।
और इसकी सबसे बड़ी वजह नगर पंचायत के खेतों की धान की फसल उत्पादन को शुन्य किया जाना है। जबकि नगर में 221 हेक्टेयर भूमि पर काश्तकारी होती है। व्यापार मंडल अध्यक्ष ने बताया कि उन्हें अधिकारियों द्वारा मौखिक रूप से नगर का धान खरीदे जाने को कहा जाता है। लेकिन आधिकारिक तौर पर तयशुदा लक्ष्य के अनुसार ही फसल की खरीद हेतु पैसे आवंटित होते हैं। इसलिए वे निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा धान खरीदा जाना संभव नहीं है।
इधर नगर के पूर्व पार्षद सह किसान शैलेश कुमार बबलू ने बताया कि वे खुद
और उनके आसपास के दर्जनों लोग अपनी फसल बेचने को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि बिना सर्वे के ही नगर के धान उत्पाद को शुन्य किया जाना गलत है। और इसके लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ अविलंब कार्रवाई होनी चाहिए। इस मामले में पूछे जाने पर बीएओ बैजनाथ साहू ने बताया कि फसल उत्पादन की रिपोर्ट सांख्यिकी विभाग द्वारा किया जाता है। और यदि इसमें गड़बड़ी हुई है तो इसकी जांच कराई जाएगी।
इधर प्रखंड उपप्रमुख विकास कुमार समेत अतिमी पंचायत के किसान विक्की सिंह, उमाकांत सिंह, कृष्णा सिंह, हरिद्वार चौधरी, सेवक साह, मृत्युंजय कुमार और अजय कुमार इत्यादि ने कहा है कि सही समय पर और लक्ष्य के अनुसार पैक्स समेत विभिन्न संस्थाओं द्वारा धान अधिप्राप्ति नहीं किये जाने से उन्हें अपनी फसल औने पौने दाम पर व्यापारियों के हाथों बेचनी पड़ी। उपप्रमुख ने कहा है कि गेंहूं के बीज खरीदने के लिए लोग किसी तरह आनन फानन में अपना धान बेच रहे हैं। उन्होंने यह भी अरोप लगाया है कि यूरिया खाद की आपूर्ति नहीं होने से रबी फसल की बोआई में दिक्कतें हो रही हैं।
वहीं धनावं पंचायत के पूर्व मुखिया अजय सिंह ने कहा है कि किसानों के लिए खेती करना दिनों दिन कठिन होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंद्रह सौ रूपये क्विंटल के दर से गेंहू खरीदने के लिए किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य से बहुत कम दाम पर मात्र तेरह सौ रूपये में अपना धान बेच रहे हैं। और अधिकांश फसल उन्हें उधार में व्यापारियों से बेचनी पड़ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पैक्स व अन्य सरकारी संस्थाएं फसल खरीदने को लेकर गंभीर नहीं हैं।
धान अधिप्राप्ति के बारे में बीसीओ राजीव कुमार ने बताया कि एक लाख 14 हजार क्विंटल के निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले अबतक विभिन्न पैक्सों व व्यापार मंडल के द्वारा 78 हजार दो सौ क्विंटल धान खरीदा जा चुका है। उन्होंने कहा कि रकबा के अनुसार ही फसल अधिप्राप्ति का लक्ष्य तय किया जाता है। और रकबे की रिपोर्ट में व्याप्त गड़बड़ियों में सुधार हेतु कई बार कृषि विभाग को पत्र लिखा जा चुका है।