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किसान आंदोलन के समर्थन में माले तेज करेगी संघर्ष





  •  11 जनवरी से शुरू होगा जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना
  •  25 जनवरी को बनेगी राज्य व्यापी मानव श्रृंखला
  •  नासरीगंज में आहूत जिला कमिटी की बैठक में बोले राज्य सचिव कुणाल

ख़ुसरू परवेज़ | जिला संवाददाता, रोहतास

   भाकपा(माले) किसान आंदोलन के समर्थन में अपना संघर्ष तेज करेगी। तीन कृषि कानून की वापसी, न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) और बिहार में गत 2006 में भंग की गई कृषि बाजार समितियों की पुनः बहाल किये जाने के मुद्दों पर पार्टी के नेता व कार्यकर्ता 11 जनवरी से जिला मुख्यालयों के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना देंगे। और 25 जनवरी को राज्यव्यापी मानव श्रृंखला बनाई जाएगी। उक्त कार्यक्रमों की घोषणा माले के राज्य सचिव कुणाल ने रोहतास जिले के नासरीगंज धूस स्थित पार्टी कार्यालय में आहूत जिला कमिटी की बैठक में की। जानकारी दी गई कि‌ मानव श्रृंखला में महागठबंधन के घटक दलों की भागीदारी की भी संभावना है। हालांकि अभी गठबंधन की ओर से इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। बैठक में किसान आंदोलन में रोहतास जिला के किसानों को शामिल किये जाने पर चर्चा की गई। साथ ही राज्य सरकार से मांग की गई कि एमएसपी के अनुसार धान की अधिप्राप्ति 1868 रुपये और उत्तम धान की अधिप्राप्ति 1888 रूपये सुनिश्चित की जाए ताकि किसानों को राहत मिल सके। काराकाट विधायक अरुण सिंह, जिला कमिटी सदस्य कैसर निहाल और डेहरी प्रखंड सचिव अशोक सिंह की अध्यक्षता व केंद्रीय पाॅलित ब्यूरो सदस्य अमर की उपस्थिति में शुक्रवार को देर शाम तक चली विशेष मराथन बैठक में केंद्र की मोदी सरकार को‌ चेतावनी दी गई कि तीनों काले कृषि बिल वापस लिए बिना और बगैर एमएसपी पर फसलों की खरीदारी की गारंटी वाला कानून बनाए बिना किसानों का आंदोलन खत्म नहीं ‌होगा। राज्य सचिव ने कहा कि केंद्र की तानाशाह सरकार ने तीनों कृषि बिलों को असंवैधानिक तरीके से बनाया है। जिसका लक्ष्य देश के आम लोगों को कंगाल बना कर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि अब किसानों का आंदोलन जन आंदोलन बन चुका है और जन विरोधी सरकारों को इसे गंभीरता से लेना पड़ेगा। इसके पूर्व नताओं ने नवनिर्मित पार्टी कार्यालय का उद्घाटन किया। कार्यक्रम की शुरूआत पूर्व जिलाध्यक्ष भैयाराम यादव की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पार्टी के झंडोत्तोलन के साथ किया गया। मौके पर प्रखंड सचिव नंदकिशोर ‌पासवान, जवाहरलाल सिंह, मिथिलेश तिवारी, अच्छेलाल पासवान, धनजी राम, नरेंद्र राम, जयेंद्र चौधरी, गोपाल राम, नंदजी यादव, केसरी, राजकुमार जी, अनिल सिंह, राजकुमार पासवान और कृष्णा मेहता इत्यादि उपस्थित थे।