मधुबनी - लदनियां से हरिश्चन्द्र यादव की रिपोर्ट
लदनियां प्रखंड की प्रायः सभी पुत्रवती महिलाओं ने परम्परागत जिउतिया निर्जला पर्व का निष्पादन समर्पण व श्रद्धा के साथ किया। विभिन्न नदी व सरोवरों में स्नान के बाद माछ-मरुआ से इसकी शुरुआत हुई। पुनः चौबीस घंटे का अखंड निर्जला व्रत रखा। इस अवधि में कई व्रतियों का रक्तचाप घटा। इनकी तबीयत बिगड़ी।
चिकित्सकों ने ओआरएस-घोल लेने की सलाह दी। लेकिन संतान के दीर्घायु होने की कामना से रखे जाने वाले इस व्रत का महिलाओं ने निर्विघ्न निर्वाह किया। मां का नि:स्वार्थ मन इस व्रत के बदले अपनी संतान से कोई अपेक्षा नहीं रखता। माता तो अपने सामने संतान को पाकर ही तृप्त होती रहती है। व्रतियों के लिए जगह -जगह भजन संध्या व नाच-गान का आयोजन किया गया है।