न्यूज़ डेस्क। पटना नगर निगम की महापौर सीता साहू की कुर्सी के लिये खतरा पैदा हो गया। उनके विरोधियों ने उन्हें हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाएं है। 75 सदस्यीय पटना नगर निगम के 41 पार्षदों के हस्ताक्षर से अविश्वास प्रस्ताव आया है। अविश्वास सिद्ध करने की तिथि अभी घोषित नहीं हुई है।
विरोधियाें ने महापौर पर आरोप लगाया है कि कोरोना महामारी में पार्षदों एवं पटनावासियों के लिए कुछ भी कार्य नहीं की है। पार्षदों का विश्वस अब नहीं रह गया है।आरोप है कि आउटसोर्स को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक वार्ड में वार्ड समिति का गठन नहीं होने दी। जनता की उम्मीदरों पर पानी फेर दी हैं। भ्रष्टाचार और कमिसनखोरी को बढ़ावा दीं। आउट सोर्सिंग के माध्यम से निगम कोष की लूट कराई। तीन साल में कोई कार्य नहीं कर पाई। पार्षदों का मान-सम्मान का ख्याल नहीं रखीं तथा पार्षदों से किसी भी मुद्दे पर सलाह नहीं ली। विकास योजनाओं के चयन में भेदभाव करने का भी आरोप लगाया है।
महापौर सीता साहू के दो वर्ष के कार्यकाल पूरा करने के बाद विरोधियों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था। तीन जुलाई 2019 को अविश्वास प्रस्ताव की अग्नि परीक्षा में सीता सहू पास होकर विरोधिरयों पर भारी पड़ गई थीं। नगर निकाय क्षेत्र में दो साल और उसके बाद एक-एक साल पर अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। यानी पांच साल के कार्यकाल में तीन बार अविश्वस प्रस्ताव लाया जा सकता है।
महापौर सीता साहू ने अविश्वास प्रस्ताव लाने पर बोलीं, मेरे साथ पार्षद हैं। सिर्फ हस्ताक्षर कराकर लाने से नहीं होगा। बहुमत साबित कर दुंगी। आरोप लगाया कि विरोधी विकास कार्य नहीं करने दे रहे हैं। तीन साल के कार्यकाल में जो कार्य की हूं, ऐसा कार्य नगर निगम के कोई महापौर नहीं कर पाया है। डोर टू डोर कचरा उठाव व्यवस्था, स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था सहित कई कार्य की हूं। हर क्षेत्र में काम हुआ है। बार-बार अविश्वस प्रस्ताव लाने से विकास कार्य बाधित होता है। सभी के मिलकर पटना को सुंदर और स्वच्छ बनाने में सहयोग देना चाहिए। मेरी ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार है। मेरे पुत्र पर लगाए गए आरोप भी निराधार है।
पूर्व उप महापौर विनय कुमार पप्पू ने कहा कि इस बार सीता साहू को कुर्सी से जाना तय है। 41 सदस्यों ने हस्ताक्षर करके दिया है। बड़ी संख्या में पार्षद उनके विरोध में हैं। शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव दे दिश गया है। सात दिनों के अंदर अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाकर बहुमत साबित करने की तिथि घोषित करनी है। आरोप लगाया कि सीता साहू के कार्यकाल में शहर का विकास नहीं हो पाया।
महापौर सीता साहू को कुर्सी से हटाने के अभियान में मुख्यरूप से पूर्व उप महापौर विनय कुमार पप्पू, वार्ड 13 के पार्षद जीत कुमार, वार्ड 21 की पार्षद पिंकी कुमारी, वार्ड 22-सी की रजनी देवी, वार्ड 24 की ज्ञानवती देवी, वार्ड 34 के कुमाार संजीत आदि हैं।
अब देखना है कि सीता साहू अपनी कुर्सी बचाने में सफल होती हैं या विरोधी उनपर भारी पड़ जाएंगे।