
बिहार एवं झारखंड में देखा गया रमज़ान का चाँद अब मुस्लिम समाज आगामी 25 अप्रैल से रोजे की शुरुआत करेगा। कोरोना महामारी के वजह से मुस्लिम धर्मगुरुओं ने रोजा रखने वालों से इस वर्ष घर पर ही रह कर इबादत एवं इफ़्तार करने की अपील की है। बताते चलें कोरोना महामारी के कारण देशव्यापी लॉक डाउन की वजह से इस बार रमज़ान पर भी इसका असर होने वाला है लॉक डाउन के कारण मस्जिदों में नमाज नहीं होगी और ना ही तरावीह का कोई इंतजाम होगा।
भारत सरकार कोरोना की वजह से पहले से ही सामूहिक नमाज पर प्रतिबंध लगा रखा है इस साल होने वाली इफ़्तार पार्टी भी रद्द कर दी गई है ।
इमारत शरिया के अमीर हजरत मौलाना मोहम्मद वली रहमानी ने भी लोगों से घर पर रहकर ही इबादत करने की अपील की है उन्होंने कहा है कि इस साल मुसलमान रोज़ा और तरावी के लिए विशेष रुप से इफ़्तार एवं तहज्जूद के समय देश एवं पूरी मानवता के कल्याण और वर्तमान स्थिति से उदार के लिए दुआओं का इंतजाम करें ।
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी मुस्लिम समुदाय से यह अपील की है कि वे लॉकडाउन को देखते हुए इस बार लोग घरों में ही नमाज पढ़ें क्योंकि कोरोना से बचाव सोशल डिस्टेंशिंग अपनाने से ही हो सकता है. साथ ही लोगों की भरपूर मदद करें, भूखों को खाना खिलाने की भी अपील की है।
पटना में मुस्लिम आबादी वाले संवेदनशील क्षेत्रों में पटना पुलिस द्वारा चौकसी बरतने का भी आदेश दिया गया है। पुलिस ने भी अपनी तरफ से तैयारी पूरी कर ली है, कुछ क्षेत्रों में ड्रोन से भी निगरानी कराई जा सकती है।