महिला एवं बाल विकास निगम, बिहार (प्रवूप)
दिनांक: 10 दिसम्बर 2025
स्थान: निगम मुख्यालय सभागार, पटना
महिला एवं बाल विकास निगम, बिहार सरकार द्वारा आज जेंडर आधारित हिंसा के विरुद्ध 16 दिवसीय सक्रियता अभियान के अंतर्गत "Cyber Security Awareness and Hygiene" विषय पर एक विशेष जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य नागरिकों, विशेषकर महिलाओं एवं युवाओं में बढ़ते डिजिटल खतरों के प्रति सजगता एवं व्यावहारिक साइबर-सुरक्षा कौशल विकसित करना था।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रबंध निदेशक श्रीमती बंदना प्रेयसी रहीं। उप सचिव सह नोडल पदाधिकारी श्रीमती मार्गन सिंहा तथा विषय-विशेषज्ञ साइबर विशेषज्ञ श्री राजेश कुमार एवं इंस्पेक्टर श्री संजीव कुमार ने सत्रों का संचालन किया।
गहन तकनीकी जानकारी से भरपूर सत्र
कार्यशाला में साइबर विशेषज्ञों द्वारा डिजिटल युग में उभर रही जटिल चुनौतियों जैसे डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन, ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी, सोशल मीडिया अपराध, डिजिटल फुटप्रिंट मैनेजमेंट, डिजिटल फास्टिंग एवं व्यवहारिक साइबर सुरक्षा पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई।
विशेष रूप से WhatsApp व OTT प्लेटफॉर्म आधारित साइबर फ्रॉड, AI आधारित फेक कॉल और डीपफेक, तथा डेटा लीक से जुड़े साइकोलॉजिकल ट्रैप के वास्तविक केस स्टडी साझा किए गए।
विशेषज्ञों के उद्धरण
साइबर विशेषज्ञ श्री राजेश कुमार ने डिजिटल अरेस्ट और सोशल इंजीनियरिंग पर प्रकाश डालते हुए कहा:
"डिजिटल अरेस्ट हमेशा डर पर आधारित होता है। अपराधी खुद को सरकारी एजेंसी के अधिकारी बताकर व्यक्ति में घबराहट पैदा करते हैं। याद रखें, सरकारी एजेंसियाँ कभी फोन या वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी नहीं करतीं। जागरूकता ही इन अपराधों से बचने का सबसे प्रभावी हथियार है।"
इंस्पेक्टर श्री संजीव कुमार ने डिजिटल अनुशासन और डिजिटल फास्टिंग की अवधारणा समझाते हुए कहा:
"डिजिटल फास्टिंग केवल स्क्रीन टाइम कम करना नहीं है, बल्कि समय-समय पर अपने डिजिटल अकाउंट्स की सफाई जैसे पासवर्ड रीसेट, डिवाइस ऑडिट, ऐप परमिशन की समीक्षा जैसे सुरक्षा उपायों को अपनाना है। डिजिटल स्वास्थ्य उतना ही जरूरी है जितना शारीरिक स्वास्थ्य।"
मुख्य अतिथि का संबोधन
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रबंध निदेशक श्रीमती बंदना प्रेयसी ने कहा कि
"जब तक हम डिजिटल रूप से जागरूक और तकनीकी रूप से सक्षम नहीं होंगे, तब तक हम साइबर अपराधों के प्रति vulnerable बने रहेंगे। डिजिटल दुनिया में गोपनीयता और सुरक्षा केवल तकनीक का नहीं, बल्कि जागरूकता और सतर्कता का विषय है।"
प्रश्नोत्तर सत्र
कार्यशाला के द्वितीय सत्र में प्रतिभागियों द्वारा साइबर फ्रॉड, ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग, सोशल मीडिया सुरक्षा एवं डिजिटल पहचान संरक्षण से जुड़े प्रश्न पूछे गए, जिनका विशेषज्ञों ने व्यावहारिक उदाहरणों सहित समाधान प्रदान किया। यह सत्र विशेष रूप से इंटरैक्टिव और उपयोगी सिद्ध हुआ।
समापन
कार्यक्रम के अंत में श्रीमती अनुपमा, स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। उन्होंने विशेषज्ञों, अधिकारियों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि निगम भविष्य में भी इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन निरंतर जारी रखेगा, जिससे समाज को सुरक्षित डिजिटल वातावरण प्रदान किया जा सके।







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