नई दिल्ली। राष्ट्रीय परशुराम परिषद के आह्वान पर आज दिल्ली के जंतर–मंतर पर एक विशाल धरना–प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस धरने की अध्यक्षता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक एवं पूर्व राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार सुनील भराला ने की। धरने में पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी चौबे विशेष रूप से उपस्थित रहे और उन्होंने सरकार से कड़ा रुख अपनाने की मांग की।
धरने को संबोधित करते हुए सुनील बराला ने कहा कि IAS अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा सरकार एवं समाज के विरुद्ध दिया गया बयान न केवल आपत्तिजनक है, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी ठेस पहुँचाने वाला है। उन्होंने इसे संविधान और प्रशासनिक मर्यादा का खुला उल्लंघन बताया।
पूर्व मंत्री अश्विनी चौबे ने अपने संबोधन में कहा कि
> “एक संवैधानिक पद पर बैठे अधिकारी द्वारा इस प्रकार का विवादित बयान देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को चाहिए कि ऐसे अधिकारी पर तत्काल कार्रवाई करे और उसकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करे, ताकि प्रशासनिक व्यवस्था में जनता का विश्वास बना रहे।”
धरना स्थल पर मौजूद परिषद के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने “IAS संतोष वर्मा गिरफ्तार हो' “प्रशासन में अनुशासन बहाल करो” जैसे नारे लगाए।
वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार शीघ्र कार्रवाई नहीं करती है, तो आंदोलन को देशव्यापी स्तर पर और तेज किया जाएगा।
राष्ट्रीय परशुराम परिषद ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन किसी व्यक्ति विशेष के विरुद्ध नहीं, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए है।
IAS संतोष वर्मा के विवादित बयान पर गिरफ्तारी की मांग को लेकर जंतर–मंतर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी चौबे एवं पूर्व राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार सुनील भराला के नेतृत्व में सैकड़ो कार्यकार्ताओं के साथ कुछ दूरी तक पैदल मार्च किया , ज़िसको सुरक्षा कार्मियो ने आगे बढ़ने से रोक दिया l





0 टिप्पणियाँ
if you have any doubts, please let me know.