बिहार के डीजीपी महोदय का बयान महत्वपूर्ण है, जिसमें उन्होंने माना है कि थानों में दलालों की सक्रियता एक समस्या है। जो दलाल बार बार थाना आएगा उसपर करवाई होंगी. चलिए DGP महोदय ने स्वीकार तो किया क़ि थाने मे दलाल एक समस्या है.
DGP महोदय आपको मालूम है कि थाने के लिए दलाल एक समस्या नहीं बल्कि आपका थाना दलालों के बाल पर ही चलता है. दलाल ही तय करता है किस पर FIR हो और किस पर नहीं हो. किस पर फर्जी मुकदमा हो किस पर नहीं हो. दलाल ही तय करता है किस से कितनी उगाही होनी चाहिए. दलाल ही शराब और पत्थर का अवैध कार्य थाना क़ि मिली भगत से करवाता है. दलाल मर्डर केस जैसे मुक़दमे मे भी तय करता है किसको फ़साना है किसको नहीं. और खास बात तो ये है क़ि इन दलालों को सत्ता का संरक्षण है.
DGP महोदय को बहुत बहुत धन्यवाद क़ि बिहार जैसे राजनिकतिक ब्यवस्था मे आपने खुले रूप मे दलाल को स्वीकारा है और इस पर आपकी नजर है.
महोदय आम दलाल को आप थाने जाने से तो रोक लेंगे. लेकिन उस महान दलाल को कैसे रोकेंगे जो पत्रकारिता क़ि आड़ मे खुलकर दलाली करता है. ना कोई डिग्री, ना कोई पत्रकारिता संस्था से जुड़ाव. अब मेरी लेखनी के बाद कुछ लोग सबूत मांगेगे. लेकिन यह बिहार है यहाँ सबूत से कुछ नहीं होता है यहाँ तो सत्ता का पावर चाहिए जो सिर्फ दलाली से ही संभव है और मेरे जैसा पत्रकार नहीं कर सकता . मैंने मुंगेर जिला के धरहरा थाने के थाना अध्यक्ष से लेकर दलाल एवं अंचलधिकारी से लेकर धरहरा अंचल के दलाल का भी लिस्ट सबूत के साथ जिलाधिकारी से लेकर मुंगेर कप्तान को दी थी. तत्कालीन मुंगेर कप्तान बाबू राम जी को बहुत बहुत धन्यवाद. उन्होंने तत्कालीन थाना अध्यक्ष दुबे देव गुरु से लेकर दलालों पर भी कार्रवाई थी. दलालों का थाने मे नो एंट्री हुई थी. हालंकि इसमें क्राइम टीम और IB का पूरा सहयोग मिला था
जिलाधिकारी महोदय मुंगेर और मुंगेर पुलिस कप्तान साहब से विनम्र प्रार्थना है क़ि ऐसे फर्जी पत्रकार जो पत्रकारिता के नाम पर दलाली करता है उसपर कार्यवाई करें और थाने और अंचल क़ि ब्यवस्था को दुरुस्त करने क़ि कृपा करें.
संजीव कुमार सिंह
प्रधान संपादक
न्यूज़ वॉर
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