पटना। माननीय उपमुख्यमंत्री सह खान एवं भूतत्व मंत्री, श्री विजय कुमार सिन्हा ने खान एवं भूतत्व विभाग के लंबित मुद्दों को हल करने के लिए आज, 15 मई 2025 को विकास भवन, पटना स्थित अपने कार्यालय कक्ष में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया। माननीय उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मुख्य सचिव, बिहार, एडीजी (आर्थिक आपराधिक इकाई), अपर मुख्य सचिव (पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन), सचिव (खान एवं भूतत्व विभाग), सचिव (पर्यटन विभाग), जिला पदाधिकारी, पटना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक का मुख्य उद्देश्य खनन गतिविधियों से संबंधित विभिन्न लंबित मुद्दों पर चर्चा करना और उनके समाधान हेतु ठोस कदम उठाना रहा।
बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी देते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार के विकास की गति को बरकरार रखना हमारी प्राथमिकता है । इसलिए हमने बालू, गिट्टी और मिट्टी जैसे लघु खनिजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हमने विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करने पर बल दिया है । इस दौरान मुख्य सचिव की उपस्थिति में कई अहम निर्णय लिए गए ।
श्री सिन्हा ने आगे कहा कि इसके साथ-साथ जिला स्तर पर एक समिति गठित की जाएगी, जो सफेद बालू के उन अनिलामित घाटों की जांच करेगी, जो नदी की धारा के बीच, दियारा क्षेत्र में हैं या नीलामी के योग्य नहीं हैं, और ऐसे घाटों को जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट से हटाने की कार्रवाई होगी।
श्री सिन्हा ने आगे कहा कि निलामित लेकिन असंचालित घाटों की पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए मजबूत मॉनिटरिंग यूनिट बनाई जाएगी । यह बालूघाटों की नीलामी के बाद पर्यावरणीय स्वीकृति के लंबित मामलों के लिए एक सतत अनुश्रवण इकाई की तरह काम करेगी। मुख्य सचिव के स्तर पर जिला पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठकों में बालूघाटों की बंदोबस्ती को प्रमुख एजेंडा बनाया जाएगा।
श्री सिन्हा ने कहा कि इनके अतिरिक्त, पर्यटन विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग - तीनों विभागों अधिकारियों को संयुक्त रूप से पूर्व में संचालित पत्थर पट्टों का निरीक्षण कर 1 सप्ताह में आवश्यक अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया गया है। खान एवं भूतत्व विभाग के मुख्यालय स्तर पर पुलिस बल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पुलिस मुख्यालय को भी निर्देशित किया गया है।
बिहार सरकार का यह प्रयास खनन क्षेत्र में पारदर्शिता, नियमों का अनुपालन और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बैठक के परिणामस्वरूप खनन प्रक्रियाओं को और सुगम बनाने तथा पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने की दिशा में खान एवं भूतत्व विभाग अग्रसर है।