पटना। प्रयास की 41 वे वर्षगाँठ के अवसर पर मिथिलेश सिंह लिखित एवं निर्देशित मगही नाटक 'देवन मिसिर की प्रस्तुति की गई। नाट्य मंचन पूर्व संस्था के उपाध्यक्ष श्री बाँके बिहारी साव, महासचिव श्री मिथिलेश कुमार सिंह, श्री विनोद अनुपम फिल्म समीक्षक', श्री विनीत कुमार झा 'वरिष्ठ रंगकमी', श्री संजय उपाध्याय 'प्रख्यात रंग निर्देशक', श्री मिथिलेश सुमन 'मुखिया, सादिकपुर पंचायत, मनेर, पटना', श्री हृषीकेश सुलग 'प्रसिद्ध नाटककार',श्री दीपक कुमार 'शिक्षक एवं मगही साहित्कार, जहानाबाद', श्री अरविन्द कुमार 'शिक्षक एवं मगही साहित्कार, गया', श्री उपेन्द्र नाथ वर्मा 'बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग, पटना', पुंज प्रकाश 'स्नातक रा. ना. कि, नई दिल्ली', माननीया रूबी 'निदेशक, कला संस्कृति पदाधिकारी, पटना', माननीया कृति आलोक 'जिला कला संस्कृति पदाधिकारी, पटना' एवं शहर के अन्य गण्णानः रंग प्रेमियों ने दीप प्रज्जोलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। दीप प्रज्जोलित के बाद मिथिलेश सिंह द्वारा लिखी गई मगही पुस्तक 'देवन मिसिर' का त्तभी गणमान्य अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया। श्री बाँके बिहारी साव 'उपाध्याय, प्रयास' ने आगत अतिथियों का स्वागत किया एवं धन्यवाद झापन रंग निर्देशक श्री मिथिलेश सिंह ने किया।
नाटक देवन मिसिर सारांश
40 वसंत और इतने ही पतझड़ देखने के बाद हम 41वें वर्ष में प्रवेश कर गये हैं। इस अवधि में 'प्रयास' ने सिर्फ दिन ही नहीं गिने है, बल्कि गिन-गिन कर नये-नये प्रयोग से अपनी नाट्य प्रस्तुतियों से राष्ट्रीय रंगमंत्र पर अपनी विशेष पहचान बनाई है। हम अपने 41वें वर्षगाँठ को अपना बहुचर्चित मगही नाटक 'देवन मिसिर के मंचन से एक रंग पर्व की तरह मना रहे है। यह 28वीं अवसर है जब देवन मिसिर दंत कथाओं से निकलकर रंगमंच पर अवतरित हो रहे है।
देवन मिसिर के किस्ते कहानी मगह क्षेत्र में लोकप्रिय है। टेकारी राज के अंतिम महाराज गोपाल शरण सिंह के पूर्वज राजा सुंदर सिंह. उनके पुत्र राजा हित नारायण सिंह, रानी इन्द्रजीत कुंवर के काल में देवन मिसिर हुआ करते थे। उनका शुद्ध नाम देवन मिश्र था। बाद में मिश्र शब्द अपभ्रंश होकर मिसिर हो गया। इस तरह वह देवन मिसिर के नाम से ही प्रचलित हो गए। उनके गाँव का नाम आंती था। यह गाँव वर्तमान में कोच प्रखण्ड, जिला गया व संसदीय क्षेत्र औरंगाबाद में है। देवन मिसिर को टेकारी दरबार का बीरबल भी कहा जाता था। उनकी कहानियों दन्त कथा के रूप में है, जो लुप्त होती जा रही है। मगही साहित्यकार सतीश कुमार मिश्र के कथा शोध पर टेली सीरियल के लिए पटकथा लेखन का कार्य मिथिलेश सिंह द्वारा किया गया था। जिसे पटना दूरदर्शन ने स्वकृति भी दे दी थी। मगर दुर्भाग्यवश उस पटकथा पर काम नहीं हो सका।
उसी पटकथा को नाट्य रूप में लाकर देवन मिसिर को पुनः पुनर्जीवित करने का कार्य मिथिलेश सिंह द्वारा किया गया। इस पर मगही फीचर फिल्म भी बन चुकी है। अब तो यह पुस्तक के रूप में भी आ गई है। प्रख्यात महिला रंगकर्मी नूर फातिमा की जयती से अवसर पर 24 अगस्त 2009 को प्रथम बार "देवन निरािर मंच पर अवतरित हुए थे। वैसे इनकी कहानियों पर काम करना बड़ा जोखिम गरा है। क्योंकी उनकी कई कहानियाँ काफी हद तक अश्लील हुआ करती थी। मगर उस अश्लीलता में भी समाज में घट रही घटनाओं पर बड़ा कटाक्ष हुआ करता था। उनके हाजिर जवाबी में व्यग्य छुपा रहता था। मंचित नाटक में मंचीय मर्यादा को ध्यान में रखा गया है। स्वस्थ मनोरंजनात्मक मंचीय नाटकों की कड़ी में एक प्रयास है देवन मिसिर...... प्रेक्षागृह तक आम दर्शक को लाने का प्रयास है देवन मिसिर......
देवन मिसिर के दंत कथाओ का कोलॉज है नाटक "देवन मिसिर"
पात्र परिचय (मंच पर)
देवन मिसिर :- विनोद कुमार
मंडिताईन ,:- पूजा भास्कर
नट :- माधव राठौर
नटी :- रजनी शरण
देवी मईया/दुल्हन :- ममता सिंह
बसमतिया/ग्रामीण औरत 1 :-
बीना गुप्ता
किसान ;- अभिशेष कुमार
किसान कि पत्नी/ ग्रामीण औरत 2 :- आरती कुमारी
ग्रामीण औरत 3 :- पुष्या
चोर -1 :- सदानंद कु. पासवान
चोर 2/ ग्रामीण 1 :- विजय महतो
चोर-3/ ग्रामीण 2 - मनीष कुमार
बुदी औरत/नर्तक :- उदय सिंह समधी 1/मिसिर जी के भाई
दीपक आनंद
सममी 2 :- गंगा पंडित
मिसिर जी के साला/दुल्हा :-
निरजन कुमार
ओझा :- उदय कुमार शंकर
ग्रामीण 3/भैंस/बाछी - सौरभ कुमार सिंह
ग्रामीण 4 :- जितेन्द्र राज जैनी
मंच के परे
हारमुनियम/मुख्य गायक :- संतोष कुमार तुफानी
नालवादक :- आदित्य गुंजन
नगाड़ा :- प्रेम पंडित
बैंजो :- अमित कुमार
कलॉनेट :- कामाख्या नारायण
झाल :- निरंजन कुमार, गंगा पंडित
सिम्बौल ;- दीपक आनंद
रूप सज्जा :- उदम कुमार शंकर
वस्त्र विनियास :- रूपा सिंह,
गुड़िया कुमारी
लेख्रा अधिकारी/प्रोपर्टी इन्यार्ज :- रामेश्वर कुमार
मंच व्यवस्था :- आशीष कुमार विद्यार्थी, राकेश कुमार
पूर्वाभ्यास अधिकारी/सह निर्देशक :- रवि भूषण बब्लू
धुन :- पारंपरिक
कथा शोधकर्ता :- स्व. सतीश कुमार मिश्र
लेखक एवं निर्देशक :- मिथिलेश सिंह