पटना।महिला नेतृत्व आधारित जलवायु समर्थ स्वास्थ्य प्रणाली विषयक राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 8/04/2025 को ए०एन० सिन्हा सामाजिक अध्ययन केंद्र में किया गया।इसमें बिहार राज्य के विभिन्न जिलों यथा - दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, मुजफ्फरपुर, सारन, नालंदा पटना, आरा, नवादा सहित अन्य जिलों के प्रतिभागियों ने भाग लिया ।
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इसका उद्घाटन बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माननीय सदस्य श्री नरेन्द्र कुमार सिंह के द्वारा किया गया । उद्घाटन में यूनिसेफ के श्री राजीव जी (Risk and Resilience विशेषज्ञ यूनिसेफ बिहार ), डॉ० उमेश प्रसाद सिंह, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी कोईलवर, डॉ० प्रवीण कुमार झा आदि उपस्थित रहे ।
माननीय सदस्य श्री नरेन्द्र कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि इस कार्यशाला में उपस्थित सभी लोग धन्यवाद के पात्र हैं कि आप सभी जलवायु प्रतिवार्तः के बारे में चिंतित है । जलवायु परिवर्तन के कारन हो रहे स्वास्थ्य समस्याओं के निदान हेतु घोघरडीहा प्रखंड स्वराज्य विकास संघ ( GPSVS) सराहनीय कार्य कर रहा है। बिहार का 16 जिला खासतौर से भूकंप के दृष्टिकोण से प्राथमिकता के श्रेणी मे आता है (बार्डर क्षेत्र) । उन्होंने यह भी बताया कि आपदाओं के समय पूर्व चेतावनी अर्थात सूचना प्राप्त करने के उद्देश्य हेतु बिहार राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण एवं इसरो के मध्य एक समझौता होने वाला है जिससे कि बाढ़ के सम्बन्ध में पूर्व सूचना हेतु इसे काफी प्रभावी होने कि उम्मीद है।
जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक घटना बढ़ेगी । संस्था के द्वारा जमीनी स्तर पर कार्य किया जा रहा है । जलवायु परिवर्तन के कारण मुंग कि खेती और अन्य खेती भी प्रभावित हो रही है । इसका समाधान विभिन्न हितभागियों के सहयोग से ही होगा । हमें आपदाओं से होने वाली घटना और मृत्यु को कम करना है | बिहारमें जलवायु परिवर्तन का असर हर जगह एवं हर क्षेत्र में है । उन्होने लोगों से जागरूक एवं अधिक सहयोग कि अपील किया ।
कार्यशाला के स्वागत भाषण में संस्था के अध्यक्ष श्री रमेश कुमार ने जलवायु परिवर्तन अनुकूलन स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ीकरण हेतु किये गए प्रयास को बताते हुए कहा कि 100 गाँव में सघन प्रयास किया ज रहा है । लोगों को जलवायु परिवर्तन के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव व उपाय हेतु लोगो को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही साथ स्वास्थ्य कर्मियों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है । ग्रीन स्वास्थ्य ब्यवस्था को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कार्यशाला में संस्था के द्वारा विभिन्न जिलों में संस्था के द्वारा किये गए सर्वेक्षण का प्रस्तुतीकरण भी किया गया I सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव उत्तरी
बिहार एवं दक्षिणी बिहार दोनों भागो में पड़ रहा है गर्मी से विभिन्न बीमारियाँ बढ़ रही है ।
समुदाय इस बात कि मन रहा है कि जलवायु का संकेत बढती गर्मी, अनियमित एवं असामान्य वर्षा, बाढ़, सुखाड़, लू एवं मौसम बदलाव से नजर आ रहा है ।
इस अध्ययन से यह निष्कर्ष निकला कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का असर समुदाय के सभी वर्गों के लोगों पर पड़ रहा है । इस कार्यक्रम में नैनो टेक्नोलॉजी और जलवायु परिवर्तन,
जानवरों में फैलने वाली विमारियां मानसिक स्वास्थ्य पर भी चर्चा की गयी । अन्य प्रमुख वक्ता में यूनिसेफ के श्री राजीव कुमार ( आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रमुख ), कोईलवर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र प्रभारी डॉ० उमेश कुमार सिंह हरनौत के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुरेश कुमार, श्री निर्भय मिश्र (यूनिसेफ), श्री दीपक कुमार उदयपुर (राजस्थान ), श्री जियालाल जाट राजस्थान के साथ -साथ समुदाय से आयी महिलाओं ने भी अपने 'अनुभव को साझा किया महिलाओं में श्रीमती चन्द्र- रेखा देवी, प्रमिला देवी व अन्य ने बताया कि महिला नेतृत्व में ही समुदाय सामूहिक रूप से जन-जागरूकता पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य पोषण वाटिका, ज्ञान का आदान प्रदान और सामुदायिक स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत कर
हम जलवायु परिवर्तन के जोखिम को कम कर सकते हैं। महिला प्रतिभागियों ने संघ के द्वारा जलवायु परिवर्तन अनुकूलन में महिला नेतृत्व में समुदाय कि भागीदारी और कार्यों द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका को सराहा और स्वास्थ्य पोषण वाटिका बनाने पर जोर दिया ।
भोजनावकाश के बाद श्री राकेश कुमार सिंह के द्वारा नैनो तकनीकी से जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने से सम्बंधित चर्चा की गयी । कार्यशाला का समापन सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया ।