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महाकुंभ में लोक पंच की प्रस्तुति नाटक कातिल खेत एवं नाट्य शिक्षक की बहाली


महाकुंभ प्रयागराज उत्तर प्रदेश में आज दिनांक 22 फरवरी 2025 को झूसी, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में लोक पंच की प्रस्तुति जैविक खेती पर आधारित नाटक "कातिल खेत" का मंचन हुआ जिसे महाकुंभ में आए हजारों लोगों ने देखा।

कथासार

नाटक में खेती और किसान पर लालच के कारण आए संकट को बड़ी ही खूबसूरती के साथ लिखा गया है। ज्यादा और बेहतर फसल की चाहत में आज देश भर में किसान रासायनिक खादों और कीटनाशक का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं। रसायनिक खाद खेतों को बंजर बना रही है तो कीटनाशक अनाज की जहरीला। इनके प्रयोग ने खेती किसानी को महँगा बना दिया है, नतीजन आज किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं। रासायनिक खादों के बढ़ते प्रयोग और किसान से लेकर धरती को होने वाले नुकसान को इस नाटक में दिखाया जाएगा। 




नाटक के द्वारा यह बताया जाएगा कि किस तरह से पारंपरिक तरीके से हजारों वर्ष से खेती करने वाला किसान खुशहाल था लेकिन लालच में आकर जबसे उसने आधुनिकता के नाम पर रासायनिक खादों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया तब से खेती नुकसान का सौदा बन गई। आज इनके प्रयोग से जैव विविधता पर संकट आ गया और कई बीमारियों का कारण यह खाद और कीटनाशक बन रहें। हमारा नाटक हास्य और व्यंग के जरिए इस विषयों पर प्रहार करती हैं।




झूसी के गंगा किनारे लोक पंच के साथियों ने नुक्कड़ नाटक "नाट्य शिक्षक की बहाली" का भी मंचन किया और यह संदेश दिया कि बिहार के स्कूल और कॉलेज में नाट्य शिक्षक की बहाली की जाए।

"कलाकार"
मनीष महिवाल 
सोनल कुमारी 
अरविंद कुमार 
कृष्ण देव 
मनोज शुक्ला 
राज कपूर
अजीत कुमार
अभिषेक राज 
रोहित कुमार

मंच पर

संगीत : अभिषेक राज
हारमोनियम : रोहित चंद्र
नाल : मनोज शुक्ला
खंजरी : अभिषेक राज
प्रकाश : राम प्रवेश 
रूप सज्जा : सोनल 
वस्त्र विन्यास : रितिका
मंच : रजनीश पांडे
लेखक : इश्तियाक अहमद
निर्देशक : मनीष महिवाल
प्रस्तुति : लोक पंच, पटना