न्यूज़ डेस्क। एक ओर जहां राजधानी पटना समेत पूरे राज्य के शहरी क्षेत्रों में बीएसएनएल की सेवाएं पिछले एक सप्ताह से बाधित है वहीं, दूसरी ओर बीएसएनएल के उच्च पदस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में दुरुस्त नेटवर्किंग के लिए कार्रवाई शुरु कर चुके हैं। नेटवर्क गायब रहने से आमजनों के साथ-साथ सरकारी महकमों की भी परेशानी बढ़ गई है। लगातार सिग्नल गायब रहता है जिससे लोग बीएसएनएल को भाई साहब नहीं लगेगा... जैसे उपनामों से भी पुकारने लगे हैं। यह स्थिति उस समय है जब केंद्र सरकार सरकारी उपक्रमों को दुरुस्त करने की दिशा में बड़ी बड़ी घोषणाएं कर रही हैं। लेकिन इसके बाद भी स्थिति सुधर नहीं रही है।
ऐसी ही हालत इन दोनों पटना के भंवर पोखर और बाकरगंज जैसे घनी आबादी वाले इलाके की है जहां बीते एक सप्ताह से BSNL का नेटवर्क गायब हो रखा है जिस कारण उपभोक्ताओं में कंपनी से काफ़ी नाराज़गी है, बता दे इस मुहल्ले में बड़ी संख्या में कारोबारी के अलावा विभिन्न प्रकार की कंपटीशन की तैयारी करने वाले छात्रों की है, जो की काफी हद तक मोबाइल पर निर्भर होते है, और अपने परिवार से दूर रहते हैं। ऐसे में मोबाइल में नेटवर्क नहीं होने से इन्हें काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों ने बताया बीते एक सप्ताह से बीएसएनल का नेटवर्क उनके मोबाइल में नहीं शो हो रहा, बीएसएनल का टावर जो पटना खेतान मार्केट के ऊपर लगा है वो काम ही नहीं कर रहा, कस्टमर केयर भी इसका हल नहीं निकल पा रहे हैं सिर्फ जल्द ही सेवा बहाल की बात कर रहें है, सप्ताह से अधिक समय होने के बाद भी नेटवर्क नहीं आ रहा और इधर मोबाइल की समय वैलिडिटी भी घटती चली जा रही है।
अन्य कंपनियों को ऐसे हो रहा है मुनाफा
ऐसा देखा जा रहा है कि जिन क्षेत्रों में बीएसएनएल के सिग्नल काम नहीं करते हैं वहां अन्य मोबाइल कंपनियों के आपरेटर अपनी सेवाएं धड़ल्ले से दे रहे हैं। इस कारण बीएसएनएल के उपभोक्ताओं में वृद्धि नहीं हो पा रही है। खराब सर्विस के कारण जिले में काल ड्राप की समस्या ने मोबाइल उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ा दी है। मोबाइल पर बात करते-करते अक्सर डिस्कनेक्ट भर हो जाता है। यही नहीं शहर से महज 10-15 किलोमीटर की दूरी पर ही नेटवर्क का टावर गायब रहने की शिकायत भी लगातार सामने आ रही है।