पटना/ 17 अक्टूबर 2024
महिला एवं बाल विकास निगम के द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013 के अंतर्गत अपराध एवं अनुसंधान विभाग (कमजोर वर्ग) के 38 जिलों से दो-दो प्रतिभागियों को मास्टर प्रशिक्षक तैयार करने हेतु कुल 76 प्रतिभागियों दो बैचों में 16-17 अगस्त को एक दिवसीय संवेदीकरण प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन C3 के तकनीकी सहयोग से किया गया। प्रथम दिन तथा द्वितीय दिन 19-19 जिलों के प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया ।
कार्यशाला के प्रारंभ में मेंटीमीटर के माध्यम से प्रतिभागियों का यौन उत्पीड़न पर मानसिकता जानने की कोशिश की गयी । कार्यशाला के दौरान प्रशिक्षक श्रीमती गुंजन बिहारी ने कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम के बारे में बताया कि एक संवेदनशील कार्यस्थल के निर्माण के लिए सभी कार्यालयों में आंतरिक समिति का गठन आवश्यक है। उन्होंने आंतरिक एवं स्थानीय समिति का कार्य एवं अधिनियम के तहत शिकायत पर चरणबद्ध तरीके से सुनवाई के प्रक्रिया पर विस्तारपूर्वक चर्चा किया। इस विषय पर प्रतिभागियों के समझ बढ़ाने के उद्देश्य से कार्यशाला के दौरान एक वीडियो दिखाया गया । उन्होंने पॉश अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच के लिए मानक नियमों की रूपरेखा पर चर्चा किया।
दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री सौम्या भौमिक ने अधिनियम के अंतर्गत आंतरिक समिति और स्थानीय समिति के में प्राप्त परिवाद पर चरणबद्ध तरीके से सुनवाई कैसे की जाये उस पर प्रकाश डाला। उनके द्वारा विभिन्न केस स्टडी के द्वारा परिवाद पर गहनता से चर्चा किया और परिवाद के प्रकृति को समझाने का प्रयास किया । पॉश अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच के लिए मानक नियमों की रूपरेखा पर चर्चा किया। इस विषय पर प्रतिभागियों के समझ बढ़ाने के उद्देश्य से कार्यशाला के दौरान एक वीडियो दिखाया। कार्यशाला में इंटरैक्टिव सत्र के माध्यम से कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से जुड़े मामलों पर चर्चा की गयी ।
कार्यशाला के दौरान जमुई जिला के एक प्रतिभागी श्रीमती रिंकू रजक ने बताया कि आज का यह कार्यशाला हमारे लिए काफी जानकारीवर्धक रहा । परिवाद की प्रकृति, पीडिता के अधिकार और परिवाद पर सुनवाई हेतु महत्वपूर्ण जानकारी मिली । इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन एक समय अन्तराल पर होते रहना चाहिए ।
महिला एवं बाल विकास निगम के निदेशक श्री राजीव वर्मा ने बताया कि पॉश अधिनियम महिलाओं को कार्यस्थल पर एक सुरक्षित कामकाजी माहौल प्रदान करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ अधिनियमित किया गया था, यह अधिनियम यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों को रोकने के लिए तंत्र स्थापित करता है। ताकि कार्यस्थल पर समानता की संस्कृति को बढ़ावा देकर महिलाओं को सशक्त बनाया जा सके। उनके द्वारा इस विषय के जानकार का आभार व्यक्त करते हुए प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन किया गया ।