पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मुख्य सचिवालय में कैबिनेट की बैठक बुलाई, जिसमें कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा की गई। इस बैठक में कुल 22 एजेंडों को मंजूरी दी गई, जिनमें विकास योजनाओं और विभिन्न विभागों से संबंधित महत्वपूर्ण फैसले शामिल हैं।
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बैठक में बिहार खनिज समानुदान, अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण निवारण संशोधन नियमावली 2024 को स्वीकृति दी गई है। इसके अंतर्गत अवैध खनन के खिलाफ कठोर कदम उठाने के लिए फाइन तय किया गया है। साथ ही, खनन में लगे सभी वाहनों के लिए कलर कोडिंग लागू की जाएगी, जिसके बिना भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
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कैमूर और रोहतास जिले के 132 गांवों में स्थित 21,644 घरों को सीधे ग्रिड से विद्युत्तीकरण करने के लिए “पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना” को 117 करोड़ 80 लाख रुपये की मंजूरी दी गई है। पहले इन गांवों में सौर ऊर्जा से बिजली की आपूर्ति होती थी, लेकिन अब यह ग्रिड सिस्टम के माध्यम से होगी।
नए तीन आपराधिक कानूनों के अंतर्गत बिहार पुलिस के सभी अनुसंधान कर्ताओं को लैपटॉप और स्मार्टफोन प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए 190 करोड़ 63 लाख 20 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
तत्कालीन क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं, डॉ. जनार्दन प्रसाद सुकुमार की सरकारी सेवा से बर्खास्तगी को निरस्त किया गया है और उन्हें पुनः सेवा में स्थापित किया गया है। वहीं, सदर अस्पताल बांका की चिकित्सा पदाधिकारी, डॉ. नादरा फातिमा को लगातार अनुपस्थित रहने के आरोप में सेवा से बर्खास्त किया गया है।
बैठक में बिहार फार्मासिस्ट संवर्ग के मूल कोटि के पदों पर नियुक्ति और सेवा शर्त निर्धारण के लिए बिहार फार्मासिस्ट संवर्ग संशोधन नियमावली-2024 के गठन की स्वीकृति भी दी गई। इसके अलावा, स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के तहत कार्य निरीक्षक संवर्ग की नियुक्तियों और प्रबंधन के लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण क्षेत्रीय कार्य निरीक्षक संवर्ग भर्ती एवं सेवा शर्त नियमावली 2024 को मंजूरी दी गई है।
मोकामा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए 33 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है, जिसमें इस वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ 25 लाख रुपये और अगले वित्तीय वर्ष में 2 करोड़ 39 लाख 51 हजार रुपये का व्यय शामिल है।
सरकार ने पैक्स चुनाव को लेकर 18 करोड़ 64 लाख रुपये की स्वीकृति दी है। बिहार तकनीकी सेवा आयोग को प्रतियोगी परीक्षाओं के निष्पादन के लिए आकस्मिकता निधि से 6 करोड़ रुपये देने की स्वीकृति भी दी गई है।
बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष की अनुपस्थिति में वरिष्ठतम सदस्य को प्रशासनिक कर्तव्यों का प्रभार लेने पर 200 रुपये प्रति माह के विशेष वेतन की जगह 15,000 रुपये प्रति माह का विशेष वेतन देने का प्रस्ताव पास किया गया है। दरभंगा जिले के बिरौल अनुमंडल व्यवहार न्यायालय में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय की स्थापना के लिए एक पद के सृजन की स्वीकृति भी दी गई है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एस सिद्धार्थ ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया।