Header Ads Widget

बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन पटना ने रोहतास के दो रचनाकारों को समानित किया




बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन पटना ने अपने 106 स्थापना दिवस समारोह एवं 43वें महाधिवेशन में रोहतास के दो वरिष्ठ साहित्यकारों डॉ.हरेराम सिंह को पं राम दयाल पाण्डेय और कुमार बिंदु को बाबा नागार्जुन सम्मान से सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ . अनिल सुलभ द्वारा सम्मानित किया गया । 




बताते चले कि यह सम्मान जहाँ डॉ . सिंह को आलोचना, हिंदी भाषा एवं साहित्य की उन्नति में मूल्यवान सेवाओं के लिए दिया गया वहीं कवि बिंदु को अपने विशेष कविता - कर्म के लिए दिया गया ।बिहार के रोहतास जिले के दोनों रचनाकार लगातार कई वर्षों से लिख रहे हैं । डॉ . हरेराम सिंह आलोचना के क्षेत्र में एक विशेष पहचान हैं । हिंदी आलोचना का जनपक्ष, हिंदी आलोचना का  प्रगतिशील पक्ष तथा आधुनिक हिंदी साहित्य और जन संवेदना उनकी चर्चित कृति हैं। हाशिए का चाँद, रात गहरा गई है और वैशाली की पूनो इनके काव्य संग्रह हैं। कुमार बिन्दु 'साझे का संसार ' के लिए मुख्य रूप से जाने जाते हैं । अस्सी के दशक में भी वे सक्रिय थे । 




इस अवसर पर आजीवन सदस्य के रूप में रोहतास की बाल्य कलाकार अनुकृति सिंह को अध्यक्ष डॉ.अनील सुलभ ने हिंदी साहित्य सम्मेलन पटना की सदस्यता दिलवाई । इस अवसर पर पूर्व केन्दीय मंत्री पद्म भूषण सीपी ठाकुर, चर्चित साहित्यकर डॉ . महेंद्र मधुकर, कवि बुद्धिनाथ मिश्र, प्रसिद्ध कलाकार शंकर प्रसाद,  चितरंजनलाल भारती के अलवा सुषमा कुमारी भी उपस्थिति थीं।