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महिला एवं बाल विकास निगम के द्वारा आयोजित जेंडर बजटिंग पर द्वितीय चरण के कार्यशाला में 30 विभागों के प्रतिभागी हुयें शामिल




पटना /06 सितम्बर 2024

आज महिला एवं बाल विकास निगम के मुख्यालय में वित्तीय वर्ष 2025-26 का जेंडर बजट के लिए जेंडर बजट में संतुलित आबंटन और व्यय के प्रतिशत को बढ़ाने के उद्देश्य से तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला के द्वितीय चरण का आयोजन C3 के तकनीकी सहयोग से किया गया। इस कार्यशाला में राज्य के 30 विभागों के प्रतिभागी शामिल हुए ।

कार्यशाला का शुरुआत महिला एवं बाल विकास निगम के निदेशक श्री राजीव वर्मा के द्वारा स्वागत संबोधन के साथ किया गया । उन्होंने जेंडर बजट के बारे में बताया कि हमें अपनी मानसिकता बदलने की आवश्यकता है तथा ज्यादा केन्द्रित और संवेदनशील होकर बजट बनाने होगा। साथ हीं जेंडर बजट के लिए सेल बनाना होगा, और लक्ष्य यह होना चाहिए की क्वालिटेटिव एनालिसिस करते हुए संतुलित बजट बनाया जाये । जेंडर बजटिंग में पहले से स्थिति बेहतर हुई है लेकिन और सुधार करने की आवश्यकता है।




कार्यशाला के दौरान सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज की जेंडर इंटीग्रेशन श्रीमती गुंजन बिहारी ने जेंडर और समता की व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए बिहार सरकार के द्वारा जेंडर समानता की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कई योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके साथ ही मेंटीमीटर के माध्यम से जेंडर बजटिंग पर प्रतिभागियों का क्या दृष्टिकोण है, वो जानने का कोशिश किया। उन्होंने बिहार में जेंडर समानता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की, जिसमें महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सुरक्षा शामिल हैं। 




सुश्री बिहारी ने बताया कि जेंडर बजटिंग के माध्यम से सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों में लिंग संवेदनशीलता को बढ़ावा दिया जा सकता है। यह महिलाओं और पुरुषों के बीच संसाधनों के वितरण में समानता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। जो बजट प्रावधानों और नीतियों में लैंगिक समानता को सुनिश्चित करता है। उन्होंने बताया कि में जेंडर बजट में लैंगिक संवेदनशीलता, संसाधनों का लैंगिक विश्लेषण और नीतिगत हस्तक्षेप की योजनाओं पर विशेष ध्यान रखा गया है। सुश्री बिहारी ने यह भी बताया कि जेंडर बजटिंग से न केवल महिलाओं के अधिकार और अवसरों में सुधार होता है बल्कि यह समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देता है। 



निगम के वरिष्ठ सलाहकार जी.आर.सी. डॉ. राजेश कुमार प्रज्वल ने जेंडर बजटिंग के मूलभूत सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह प्रक्रिया न केवल महिलाओं बल्कि पूरे समाज के विकास में सहायक हो सकती है। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों और केस स्टडीज के माध्यम से यह समझाया कि जेंडर बजटिंग किस प्रकार से नीति निर्माण और बजट आवंटन में न्यायसंगतता और समावेशिता सुनिश्चित कर सकती है। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को जेंडर विश्लेषण के उपकरण और तकनीकों के बारे में जानकारी दी गई और उन्हें व्यावहारिक कार्यशालाओं के माध्यम से जेंडर बजटिंग का अभ्यास कराया गया। 




डॉ. बरना गांगुली, वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर, बीआईपीएफपी, वित्त विभाग, बिहार, और श्री नंद किशोर मेहता, अवर सचिव, वित्त विभाग, बिहार ने ने यह स्पष्ट किया कि जेंडर बजटिंग केवल महिलाओं के लिए विशेष बजट आवंटन तक सीमित नहीं है बल्कि यह एक व्यापक दृष्टिकोण है जो सभी नीति और कार्यक्रमों में लैंगिक दृष्टिकोण को एकीकृत करता है। उन्होंने विभिन्न सरकारी विभागों को उनकी जिम्मेदारियों और कार्यों में जेंडर संवेदनशीलता को बढ़ावा देने की दिशा में प्रेरित करता है । उन्होंने बताया कि जेंडर बजटिंग में राज्य के आंकड़ें को और बेहतर बनाने के लिए नीति निर्माताओं, सभी विभागों, समाज संगठनों और स्थानीय समुदायों के बीच समन्वय और संवाद स्थापित करना आवश्यक है। 




  जेंडर बजटिंग पर राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. आतिफ रब्बानी, सहायक प्रोफेसर, अर्थशास्त्र विभाग, डी.सी. कॉलेज हाजीपुर, बी.बी.यू, यूनिवर्सिटी मुजफ्फरपुर ने जेंडर को मुख्य धारा में लाने पर जोर दिया । उन्होंने बताया कि विकास के सभी पहलुओं में महिलाओं और पुरुषों के बीच असमानताओं को दूर करना आवश्यक है। डॉ. रब्बानी ने कहा कि जेंडर बजटिंग का उद्देश्य बजट आवंटन और नीति निर्माण में लिंग संवेदनशीलता को बढ़ावा देना है जिससे समाज के सभी वर्गों को समान अवसर मिल सके । उन्होंने विकास के विभिन्न क्षेत्रों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा की। डॉ. रब्बानी ने बताया कि जेंडर मुख्यधारा को अपनाने से महिलाओं के लिए बेहतर सुविधाओं और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित होती है जिससे वे समाज के विकास में समान योगदान दे सकती हैं ।

कार्यशाला का समापन निगम के निदेशक श्री राजीव वर्मा के द्वारा प्रतिभागियों के धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।