पटना, 22 सितम्बर 2024 एएमसी के आयोजन का लक्ष्य हड्डी रोग के विशेषज्ञ डॉक्टरों की विशेषज्ञता को बढ़ाना है ताकि वे नवीनतम विश्वस्तरीय तकनीक से मरीजों का इलाज कर सकें। हम अनूप मास्टर्स कोर्स (एएमसी) के माध्यम से हड्डी रोग के विशेषज्ञ डॉक्टरों की विशेषज्ञता को बढ़ाना चाहते हैं ताकि बिहार समेत देश के हड्डी रोग के मरीजों को अत्याधुनिक विश्वस्तरीय तकनीक का इस्तेमाल कर इलाज किया जा सके। एएमसी में बिहार समेत देश-विदेश के नाम गिरामी डॉक्टरों ने भाग लिया जिन्होंने अपने ज्ञान तथा अनुभव एएमसी में आए डॉक्टरों के साथ साझा किये ऐसे एएमसी से डॉक्टर अपने आप को अपडेट करते रहते हैं और इसका सीधा फायदा मरीजों को मिलता है। एएमसी के दौरान भारत में पहली बार टखने और पैर की सर्जरी तथा प्रत्यारोपण तथा प्रतिस्थापन का लाइव प्रदर्शन किया गया। यह एएमसी 21 सितम्बर से लेकर 22 सितम्बर तक पटना के होटल मौर्या में आयोजित किया गया। ये बातें देश में पहली बार रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत करने वाले तथा अनूप इंस्टीच्यूट ऑफ ऑर्थोपेडिक्स,पटना के डॉक्टर आशीष सिंह ने एएमसी के समापन समारोह में आज रविवार 22 सितम्बर को कहीं।
उन्होंने कहा कि यह छठा अनूप मास्टर्स कोर्स था। एएमसी में घुटना, कुल्हा व टखने के डॉ. डैनियल पोटर, डॉ. कपलेश्वरी शाह (यूके) जैसे 20 से ज्यादा प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय फैकल्टी ने भाग लिया। इस दौरान रिलाइव रोबोटिक सर्जरी में कूल्हे और घुटने की प्रक्रियाओं के बारे में बताया। एएमसी के दौरान हड्डी के कैंसर की तकनीक, पैर और टखने पर ध्यान, खेल की चोट और कंधे के प्रतिस्थापन पर वाद-विवाद और चर्चा की गयी।
देश में हड्डी रोग में रोबोट सर्जरी की शुरुआत करनेवाले पटना (बिहार) के अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्थोपेडिक्स एंड रिहेबिलिटेशन जो सवेरा हॉस्पिटल, कंकड़बाग के पांचवें तल्ले पर है, के मेडिकल डायरेक्टर एवं अनूप सुपर स्पेशलिटी के प्रमुख डॉ. आशीष सिंह से इलाज कराने के लिए विदेश से भी मरीज आ रहे हैं। बंगलादेश, भूटान और नेपाल के अपाहिज हड्डी रोग मरीज धड़ल्ले से यहां इलाज के लिए आ रहे हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि अन्य सर्जरी से 40 से 50 प्रतिशत कम खर्च रोबोटिक सर्जरी में आती है। मरीज भारत में इलाज से काफी खुश थी। शुरुआती दौर में देश के लोग ही मेरे पास इलाज कराने आते थे, अब तो विदेश के मरीज भी आ रहे हैं और उन्हें यहां अन्य देशों की बजाय सस्ता और बेहतर इलाज मिल रहा है। डॉ. सिंह एडिनबर्ग (यूएसए) से रोबोट सर्जरी का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं तथा अपने अनुभव के आधार पर कठिन से कठिन जोड़ों के मामलों की सर्जरी सफलतापूर्वक करते हैं।
सीएसआर पहल के तहत 5-6 वंचित लोगों का निःशुल्क ऑपरेशन किया गया। डॉ. सिंह ने कहा कि हम बिहार को विश्व के मानचित्र पर लाने के लिए कटिबद्ध हैं और एएमसी इसमें सहायक साबित हो रहा है। एएमसी में देश और विदेश के प्रसिद्ध फैकल्टी भाग लेते आ रहे हैं। हम चाहते हैं कि बिहार तथा देश के सभी रोग के मरीजों को वैसा ही इलाज मिले जैसा विदेशों में मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह दो दिनों का आकनिक कोर्स था। इन दो दिनों में देश और दुनिया के पास जो अप और तथा आधुनिक तकनीक की जानकारी दी। यह विशेषज्ञों ने नये बिहार के ओथोपेडिक एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित किया जाता है। छटे एमसी के अध्यक्ष को आशीष सिंह और शिल्पी सिंह थे। एसएस ज्ञा. डॉ. जॉन मुखोपाध्य आयोजन समिति में पैन डॉ आरएन सिंह शंकर सिंह एस एन सरफ से विश्ववेन्द्र सिन्हा सिंह तथा सुधीर भी शामिल थे। आयोजन के को चेयरमैन को अमूल्या सिंह से अशोक कुमार सिंह, राजीव आन, डॉ. राकेश चौधरी को सुशील कुमार सिंह (प्रो.) शि रु जो निशात सुमार (प्रो.) सोष कुमार और दास जो अरविंद प्रसाद गुप्ता तथा अमृता सिंह भुवन सिंह शामिल थे। एक मानक सेशन आयोजित किये गये।