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बंदोबस्त पदाधिकारियों की मासिक बैठक



पटना । बंदोबस्त पदाधिकारियों को अपने-अपने जिलों में भूमि सर्वे के काम की बेहतर समीक्षा के लिए निरंतर क्षेत्रीय भ्रमण करना चाहिए। फिल्ड विजिट से न केवल काम के प्रगति की जानकारी हासिल होगी बल्कि काम की रफ्तार भी तेज होगी। सभी बंदोबस्त पदाधिकारी दूसरे चरण के सर्वे की तैयारी जल्द से जल्द से पूरी कर लें। सारे सर्वे शिविरों को व्यक्तिगत रूप से जाकर देख लें। 

     सर्वे शिविर वैसी जगह पर नहीं होने चाहिए जहां लोगों को आने-जाने में परेशानी होती हो। शिविर का गठन अंचल या अंचल कार्यालय के आसपास ही किया जाना चाहिए। इससे शिविर का प्रचार-प्रसार अच्छे से होगा। अंचल कार्यालय परिसर के आधुनिक अभिलेखागारों में शिविर गठन होने से उसमें उपलब्ध कंप्यूटर/प्रिंटर जैसे उपस्करों का इस्तेमाल सर्वे के कार्य में किया जा सकेगा। 

     ये बातें राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार सिंह ने आज बंदोबस्त पदाधिकारियों के मासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। बैठक का आयोजन शास्त्रीनगर स्थित सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में किया गया था। बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव और भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशक श्री जय सिंह एवं विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री लक्ष्मण तिवारी भी उपस्थित थे। 

     बैठक में श्री जय सिंह ने सूबे के सभी मौजों में भूमि सर्वे के कार्य की प्रगति की समीक्षा की। इसमें 2611 मौजों को सर्वे में शामिल नहीं किया गया है जो शहरी क्षेत्रों, असर्वेक्षित, टोपोलैंड या फिर किसी कारण से विवादित हैं। इस प्रकार 43138 गांवों मंे भूमि सर्वे का काम प्रारंभ किया गया है। इन सभी मौजों में प्रपत्र-1 में उद्घोषणा कर दी गई है और सभी को भू सर्वेक्षण साफ्टवेयर में अपलोड भी कर दिया गया है।  

     भूमि सर्वे में शुरूआती काम ग्राम सभा होती है जिसमें गांव के सभी व्यस्कों एवं जन प्रतिनिधियों को गांव के किसी सार्वजनिक स्थल पर बुलाकर उन्हें भूमि सर्वे की उपयोगिता एवं उसमें उनकी सक्रिय भागीदारी के बारे में बताया जाता है। यह सभा भी 35454 ग्रामों में आयोजित कर ली गई है। बाकि मौजों में भी ग्राम सभा का आयोजन अगले एक सप्ताह में कर लेने का निदेश सचिव सह निदेशक द्वारा दिया गया। 

     उन्होेंने कहा कि जिन मौजों में ग्राम सभा का आयोजन कर लिया गया है उनके अमीन को खतियान का सार यानि तेरीज लेखन का काम करना है। आज की समीक्षा में ज्ञात हुआ कि 13626 मौजों में तेरीज लेखन का काम शुरू किया गया था जिसमें 8014 मौजों में इसे पूर्ण कर लिया गया है। अगले एक माह में इस काम को भी पूरा किया जाना है।

     समीक्षा में पाया गया कि स्वघोषणा यानि प्रपत्र-2 में अपनी भूमि का ब्यौरा सौंपने के काम में रैयतों द्वारा सुस्ती बरती जा रही है। रोहतास जिले में लगभग 10 हजार रैयतों द्वारा स्वघोषणा अपलोड की गई है, बाकि जिलों में यह काम धीमी गति से हो रहा है। 

     स्वघोषणा निदेशालय के वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकता है या शिविर में जाकर हाथों हाथ दिया जा सकता है। सचिव ने कहा कि रैयतों को यह सुविधा सीमित अवधि के लिए ही दी गई है इसलिए उन्हें यह काम प्राथमिकता के आधार पर कर लेना चाहिए।

     बैठक में उपस्थित बंदोबस्त पदाधिकारियों को यह भी निदेश दिया गया कि वो अपने जिलों के अंचलों में बने शिविरों का स्थान, शिविर प्रभारी का नाम एवं मोबाइल नंबर स्थानीय अखबारों में प्रकाशित करवा दें ताकि आमलोगों को उन्हें ढूंढने में कोई परेशानी नहीं हो। 

     बैठक में सभी जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारी, प्रभारी पदाधिकारी एवं सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी (मुख्यालय) उपस्थित थे।