- डिस्कॉम बना स्मार्ट मीटर की प्रयोगशाला
- तकनीक के साथ इंस्टालेशन से संबंधित व्यवहारिक पहलुओं की ली पूरी जानकारी
- बिल के प्रारूप से लेकर भुगतान की कार्यप्रणाली को समझा
पटना, 9 अगस्त, 2024। स्मार्ट प्रीपेड मीटर इंस्टालेशन के बिहार मॉडल में गुजरात भी गहरी दिलचस्पी ले रहा है। इस मॉडल का अध्ययन करने के लिए बिहार पहुंची गुजरात सरकार की बिजली कंपनी, गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) की टीम को स्मार्ट प्रीपेड मीटर इंस्टालेशन का बिहार मॉडल काफी पसंद आ रहा है। टीम के सदस्य स्मार्ट प्रीपेड मीटर इंस्टालेशन के तकनीकी पक्ष के साथ-साथ उन व्यावहारिक कठिनाइयों का समाधान भी बिहार मॉडल में तलाश रहे हैं, जिनसे उन्हें इंस्टालेशन के दौरान गुजरात में सामना करना पड़ रहा है। बिहार के इंस्टालेशन मॉडल में उन्हें अपनी कई समस्याओं का समाधान दिखाई दे रहा है। इसलिए वे स्मार्ट प्रीपेड मीटर इंस्टालेशन से संबंधित हर पहलू का तकनीकी और व्यवहारिक दृष्टिकोण से गहन अध्ययन कर रहे हैं।
इस टीम के बिहार आकर बिहार मॉडल का अध्ययन करने के लिए खासतौर पर गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) के प्रबंध निदेशक श्री तेजस परमार ने साउथ बिहार पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री महेंद्र कुमार को पत्र लिखकर अध्ययन एवं मार्गदर्शन का अनुरोध किया है।
गुजरात की इस टीम में यूजीवीसीएल, कॉर्पोरेट कार्यालय के डिप्टी (आईटी और एमसी) श्री वाई ए परमार, अधीक्षण अभियंता, डीएमएस श्री एस एल वर्मा, एमजीवीसीएल, कॉर्पोरेट कार्यालय के सीओए नीरज जांगिड़, डीजीवीसीएल, कॉर्पोरेट कार्यालय के कार्यकारी अभियंता (एसडी एंड पी) श्रीमती चेतना शेठ, पीजीवीसीएल, कॉर्पोरेट कार्यालय के डिप्टी इंजीनियर (प्रोजेक्ट) श्री ए एम वोरा और डिप्टी इंजीनियर, तकनीकी श्रीमती नैन्सी थॉमस शामिल हैं।
गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड की इस टीम का उद्देश्य बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर इंस्टालेशन रणनीति को समझना, सफलता के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रक्रिया और मुख्य बिन्दुओं की पहचान करना, उपभोक्ताओं के साथ बेहतर तालमेल स्थापित कर उनके पक्ष को समझना, व समाधान के तरीकों और उपभोक्ता द्वारा विरोध की स्थिति में उन्हें समझाने के लिए एक मानक ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास करना है।
विद्युत भवन में एसबीपीडीसीएल के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड की इस टीम द्वारा स्मार्ट प्रीपेड इंस्टालेशन से संबंधित कई सवाल पूछे गए। फील्ड में स्मार्ट प्रीपेड मीटर इंस्टालेशन के दौरान उपभोक्ताओं की प्रतिक्रियाओं के बारे में टीम के सदस्यों ने गहराई से समझने की कोशिश की। उन्होंने इस बात में गहरी दिलचस्पी दिखाई कि इस मॉडल को लागू करने के लिए उपभोक्ताओं के साथ कैसे संवाद स्थापित किया जा रहा है और प्रतिरोध की स्थिति में उन्हें कैसे समझाया जा रहा है। इस संदर्भ में चलाए जा रहे ग्राहक जागरूकता अभियानों के विषय में टीम के सदस्यों को विस्तार से बताया गया कि कैसे उपभोक्ताओं के साथ चरणबद्ध तरीके से संवाद स्थापित किया जा रहा है और कैसे प्रचार के विभिन्न माध्यमों के जरिए उन्हें बताया जा रहा है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर उनके लिए लाभदायक है। उन्हें बताया गया कि अब बिजली उपभोक्ता समझ गए हैं कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर उनके लिए फायदेमंद है। संवाद के दौरान एसबीपीडीसीएल की टीम का नेतृत्व विद्युत कार्यपालक अभियंता, मीटरिंग एंड एनर्जी एकाउंटिंग (साउथ बिहार) विनित कुमार, विद्युत कार्यपालक अभियंता, स्मार्ट मीटरिंग भूपेंद्र उरांव कर रहे थे।
गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के सदस्यों ने इसके बाद स्मार्ट मीटरिंग ऑपरेशन सेंटर का भी दौरा किया और मीटरिंग के सारे तकनीकी पहलुओं को बारीकी से समझा।
शिष्टाचार मुलाकात के दौरान टीम के सदस्यों को साउथ बिहार पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री महेंद्र कुमार ने भी स्मार्ट प्रीपेड इंस्टालेशन से संबंधित विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया।
जमीनी स्तर पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर इंस्टालेशन प्रक्रिया और इसके तकनीकी पक्ष को समझने के लिए शनिवार को टीम बिहार शरीफ सर्किल के राजगीर डिवीजन का भ्रमण कर स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं से उनके अनुभव एवं फीडबैक प्राप्त करेगी।
बिहार के ऊर्जा, योजना और विकास मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार में उपभोक्ताओं की सुविधाओं के लिए बिजली के क्षेत्र में निरंतर काम हो रहे हैं। बिहार प्रेरणास्रोत बना हुआ है। विद्युत और खासकर स्मार्ट प्रीपेड मीटर के क्षेत्र में यहां होने वाले कार्यों को समझने के लिए देश के दूसरे राज्यों से भी प्रतिनिधि निरंतर आ रहे हैं। इससे पता चलता है कि बिहार बिजली के क्षेत्र में पूरे आत्मविश्वास के साथ सही दिशा में बढ़ रहा है। बिहार में बिजली उपभोक्ताओं के साथ निरंतर संवाद की प्रक्रिया को भी दुरुस्त किया गया है। उनकी शंकाओं का समाधान किया जा रहा है। यही वजह है कि बिजली उपभोक्ता भी सकारात्मक ऊर्जा से ओतप्रोत हैं। बिहार की पहचान वैसे भी ज्ञान, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में देश और दुनिया के लोगों से निरंतर सहयोग करने की रही है। बिहार देश में अन्य राज्यों को इस क्षेत्र में विकास के पथ पर अग्रसर होने के लिए निरंतर हर स्तर पर सहयोग प्रदान कर रहा है।
गौरतलब है कि इससे पूर्व महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, टाटा पावर ओडिशा और बीएसईएस दिल्ली और केरल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड (केएसईबीएल) की टीमें भी बिहार का दौरा कर स्मार्ट प्रीपेड मीटर इंस्टालेशन के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर चुकी हैं। बिहार में 43 लाख से अधिक स्मार्ट प्रीपेड मीटर इंस्टॉल हो चुके हैं।
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