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काराकाट का तेजी से बदल गया है सियासी समीकरण



पटना से अनूप नारायण सिंह की रिपोर्ट 

बिहार की काराकाट लोक सभा सीट अभी सबसे ज्यादा चर्चा में है यहां से भोजपुरी फिल्म स्टार पवन सिंह चुनाव लड़ रहे हैं वह भी निर्दलीय करकट सेट अभी जदयू के कब्जे में है पर यदि उन्हें अपने मौजूदा सांसद महाबली सिंह की जगह अपने सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा को यहां से मैदान में उतारा है भाजपा का साथ भी मिला है जबकि महागठबंधन की तरफ से कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक राजाराम प्रसाद को उतारा गया है राजा राम प्रसाद और उपेंद्र कुशवाहा कुशवाहा जाति से आते हैं इस लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा मतदाता भी कुशवाहा है दूसरे नंबर पर राजपूत आते हैं पवन सिंह राजपूत बिरादरी से है जबकि बहुजन समाज पार्टी ने भी यहां से राजपूत समाज से आने वाले अपने प्रदेश महासचिव धीरज कुमार सिंह को मैदान में उतारा है। 

शेर सिंह राणा की पार्टी ने भी यहां से राजपूत उम्मीदवार उतारा है जबकि ओवैसी की पार्टी ने यहां से यादव उम्मीदवार को उतारा है। अब बात कर ले सियासी समीकरण की तो यहां की लड़ाई साफ नजर आ रही है पवन सिंह और राजा राम प्रसाद के बीच सीधा मुकाबला होता दिख रहा है उपेंद्र कुशवाहा लड़ाई से बाहर होते दिख गए हैं जबकि बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार दलित मुस्लिम और राजपूत मतदाताओं में बड़ा सेंधमारी करलड़ाई में वापस लौटे हैं यहां चतुष्कोणीय मुकाबला होता दिख रहा है। कुशवाहा मतदाता यहां पर जातीय समीकरण को मजबूत करने में लगे है। स्थानीय मतदाता कहते हैं कि पवन सिंह इकलौते ऐसे उम्मीदवार है जो किसी जाति या पार्टी के बंधन में नहीं है पवन सिंह के यहां से चुनाव लड़ने के कारण उनके क्षेत्र को आज पूरे देश दुनिया के लोग जान गए हैं। 

नोखा काराकाट डेहरी विधानसभा क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी की मजबूत पकड़ है किसी जमाने में यहां के वर्तमान सांसद ने भी बहुजन समाज पार्टी के झंडे के नीचे ही अपनी राजनीति शुरू की थी बाद में धारा के विपरीत चले गए। धीरज कुमार सिंह सबसे कम उम्र के उम्मीदवार है पढ़े लिखे हैं राजनीति में ढेर सारी संभावनाएं हैं पहले ही बार में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं पर जोश और उमंग में कोई कमी नहीं है पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व भी उनके लिए फील्डिंग और बैटिंग सजा रहा है स्थानीय कार्यकर्ताओं को भी मैदान में उतर गया है।