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लालू परिवार जिस संविधान का हितैषी बनता है, वही संविधान भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की इजाजत देता है - उमेश सिंह कुशवाहा





  • लालू परिवार जिस संविधान का हितैषी बनता है, वही संविधान भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की इजाजत देता है - उमेश सिंह कुशवाहा
  • रेलवे में नौकरी के बदले गरीबों का जमीन हड़पने वाले को पाई-पाई का हिसाब देना होगा: उमेश सिंह कुशवाहा

26 मई 2024, पटना।

बिहार जद(यू0) के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री के बयान पर राजद कुनबा हाय तौबा इसलिए मचा रहा है कि उनके परिवार के कई घोटालों में नामजद आरोपी हैं। लिहाजा उनकी बेचैनी स्वभाविक है, जेल जाने का डर इनकी बौखलाहट के रूप में अब सामने आ चुका है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचारियों के प्रति किसी भी प्रकार की हमदर्दी बरतने का कोई सवाल नहीं पैदा होता है चाहे कोई कितना भी बड़ा रसूखदार क्यों ना हो, उन्हें कानून की जद में आना ही होगा। उन्होंने कहा कि पूरा बिहार और देश यह बात जानता है कि नौकरी के बदले जमीन हपड़ने में लालू परिवार ने अपने सगे-संबंधियों तक को भी नहीं बख्शा। लालू परिवार के भ्रष्टाचार की फेहरिस्त इतनी लंबी है कि खुद उन्हें भी इसका स्मरण नहीं होगा लेकिन यह बात भी स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में सभी को पाई-पाई का हिसाब देना होगा।

  श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई होती है तो विपक्षी दल संविधान और लोकतंत्र के नाम पर अपनी छाती पीटने लगता है। मगर उन्हें यह समझ लेना चाहिये कि संविधान और लोकतंत्र के आड़ में अपने काले करतूतों को ढकने का प्रयास कभी सफल नहीं होगा। देश व प्रदेश की जनता होशियार है, सभी के असलियत को अच्छे से पहचान चुकी है। विपक्षी दलों के लोग जिस संविधान का झूठे हितैषी बनते हैं, वही संविधान भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की इजाजत देता है। उन्होंने कहा कि सत्ता के शह पर लालू एंड कंपनी ने ना सिर्फ राज्य के सरकारी खजाने को लूटा, उन्होंने गरीबों की संपत्ति पर भी डाका डालने का काम किया। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ईमानदारी की राजनीति क्या होती है इसका उदारहण प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार हैं। लंबे समय तक सत्ता में रहने के बावजूद भी इन दोनों नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोपों की परछाई तक नहीं पड़ी।





(संजय कुमार सिन्हा)
   कार्यालय सचिव