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24 वॉ राष्ट्रीय श्रवण दिव्यांगजन चार दिवसीय शतरंज प्रतियोगिता का सफल समापन बिहार में मिल का पत्थर साबित हुआ सी. आर. सी. पटना।




पटना। बिहार में पहली बार आयोजित श्रवण दिव्यांगजनों के लिए 24 वॉ राष्ट्रीय शतरंज खेल प्रतियोगिता का आयोजन समेकित क्षेत्रीय कौशल विकास, पुनर्वास एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण केन्द्र ( सी. आर. सी. ) पटना के सभागार में 18 से 21 मार्च 2024 तक 18 राज्यों से आये 150 श्रवण दिव्यांगजन प्रतिभागी, चार दिनों तक चलने वाले इस खेल महाकुंभ में देश के प्रतिभाशाली श्रवण दिव्यांगजन शतरंज खिलाड़ियों के बीच रणनीति, बुद्धिमत्ता और कुशल खेल कौशल की गहन लड़ाइयां देखी गई। 




आज 21 मार्च को आयोजित समापन समारोह में बिहार के लिए एक एतिहासिक मिल का पत्थर साबित हुआ। क्योंकि बिहार ने पहली बार इस तरह के विशेष राष्ट्रीय शतरंज खेल प्रतियोगिता की मेजबानी करने की जिम्मेदारी सी. आर. सी. पटना और बिहार बधिर क्रीड़ा परिषद् के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित टूर्नामेंट का उद्देश्य समावेशिता को बढ़ावा देना । समापन समारोह में विशेष गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही, जिसमें श्री ओम प्रकाश, जिला खेल अधिकारी, पटना, श्री संजय कुमार, सहायक निदेशक, खेल विभाग, बिहार, डॉ. ललित नारायण, निदेशक, एन.आई.एल. डी. कोलकाता, भारत सरकार एवं श्रीमती प्रियदर्शिनी, निदेशक, सी. आर. सी. पटना, भारत सरकार । 




शतरंज खेल प्रतियोगिता में फाइनल टीम रैंकिंग विजेता प्रथम कर्नाटका द्वितीय बिहार तृतीय राजस्थान विजेता खिलाड़ियों के नाम फाइनल पुरुष वर्ग में श्री हरि वैद्य व विवेक भाष्कर वाटपडे, महाराष्ट्रा, रोहित शर्मा, दिल्ली,भूषण दिनकर पवार, महाराष्ट्रा, जयंत सार्थी, कर्नाटका, सौरव हंस, हरियाणा, फाइनल महिला वर्ग में सुमन भाबू राजस्थान, मलिका हांडा, पंजाब, यशष्वी के कर्नाटका फाइनल जूनियर बालक वर्ग में अंकित गांगुली, पश्चिम बंगाल, आर्यन सिंह, बिहार, कोल्लापुडी अमर नाद, तेलगांना फाइनल जूनियर बालिका वर्ग में अनीमा कुमारी, बिहार, श्रेया वाई एस, कर्नाटका, तनुश्री लक्कड़, गुजरात आदि इस प्रतियोगिता में अपना उतकृष्ट प्रदर्शन करते हुए बाजी मारी। उपस्थित मुख्य अतिथि डां उदयकांत मिश्र जिन्होंने टूर्नामेंट के दौरान समर्पण, दृढ़ता और अनुकरणीय प्रदर्शन करने वाले शतरंज खिलाड़ियों की सराहना की, समावेशिता को बढ़ावा देने और श्रवण बाधित व्यक्तियों के लिए समान अवसर प्रदान करने के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम में बोलते हुए एनआईएलडी कोलकाता के निदेशक डॉ ललित नारायण ने कहा कि टूर्नामेंट का उद्देश्य समावेशिता को बढ़ावा देना और बधिर व्यक्तियों को शतरंज के क्षेत्र में अपने असाधारण कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। 




इस अवसर पर सीआरसी पटना की निदेशक सुश्री प्रियदर्शिनी ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी प्रतिभागियों, आयोजकों, प्रायोजकों और समर्थकों की अटूट प्रतिबद्धता और योगदान के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया, अधिक समावेशी समाज को बढ़ावा देने और व्यक्तियों को उनकी क्षमताओं के बावजूद सशक्त बनाने में ऐसी पहल के महत्व पर जोर दिया। समापन समारोह में पुरस्कार वितरण भी हुआ। जहां शीर्ष प्रदर्शन करने वालों को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता के दौरान असाधारण कौशल, रणनीतिक कौशल और खेल कौशल का प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को स्वीकार किया गया और तदनुसार पुरस्कृत किया गया। 

इसके अलावा यह आयोजन समपर्ण, सौहार्द और प्रतिभागियों, प्रशिक्षकों, अधिकारियों और दर्शकों के बीच विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। जिससे इसमें शामिल सभी लोगों के लिए अनुभव और समृद्ध होता है। श्रवण दिव्यांगजन खिलाड़ियों के लिए 24वीं राष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता के समापन के साथ बिहार इस प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका पर गर्व करता है। जिससे खेलों में समावेशिता, सशक्तिकरण और उत्कृष्टता के लिए एक मिसाल कायम की है। टूर्नामेंट की सफलता शतरंज के क्षेत्र में और उससे परे श्रवण बाधित व्यक्तियों के और समान अवसरों को बढ़ावा देने के लिए सभी हितधारकों की प्रतिबद्धता की लिए सुलभता पुष्टि करती है।