- फाइलेरिया व कालाजार के खतरों के प्रति किया जा रहा लोगों को जागरूक
- रोगी सहायता समूह से फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को मिली है मजबूती
- जिले में सफलता पूर्वक संचालित किया जा रहा है फाइलेरिया उन्मूलन अभियान
अररिया, 09 फरवरी ।
Son of Simanchal Gyan Mishra
जिले में फाइलेरिया उन्मूलन का प्रयास सफल साबित हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग व संबंधित सहयोगी संस्थाओं की सक्रियता के कारण रोग प्रबंधन व इसके प्रसार पर प्रभावी नियंत्रण संबंधी उपायों को मजबूती मिली है। जरूरी चिकित्सकीय सुविधाओं तक मरीजों की आसान पहुंच के उद्देश्य से फारबिसगंज व रानीगंज प्रखंड में विशेष रूप से फाइलेरिया क्लिनिक संचालित किया जा रहा है। वहीं समाज की मुख्य धारा से अलग जीवन बसर करने के लिये मजबूर फाइलेरिया व कालाजार मरीजों के लिये रोगी सहायता समूह व नेटवर्क रोग उन्मूलन के प्रयासों को मजबूती प्रदान कर रहा है।
साथ ही फाइलेरिया व कालाजार सहित उपेक्षित उष्ष्ण कटिबंधीय यानी एनटीडी रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने में अपनी महत्वूपर्ण भागीदारी निभा रहा है।
फाइलेरिया से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक कर रही हैं दीपा
अररिया आरएस में संचालित रोगी सहायता समूह की सदस्य 55 वर्षीय दीपा देवी ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान से जुड़कर वे बेहद खुश हैं। दीपा देवी ने कहा कि वर्षों से फाइलेरिया के असहनीय पीड़ा से गुजरी हूं। इसलिये फाइलेरिया मरीजों की तकलीफ को बखूबी समझती हूं। समूह से जुड़ने के बाद रोग के बारे में बहुत कुछ जानने व समझने का मौका मिला है। रोग को लेकर व्याप्त भ्रांतियां भी दूर हुई है। इसलिये समूह से जुड़ कर अब लोगों को इसके प्रति जागरूक कर रही हूं। ताकि अपने परिवार व समाज में किसी दूसरे व्यक्ति को इस असहनीय पीड़ा का सामना न करना पड़े। इसके लिये ग्रामीणों व स्कूली बच्चों को रोग की जानकरी देते हुए इससे बचाव संबंधी उपायों के प्रति जागरूक करने का प्रयास कर रही हूं।
रोग प्रबंधन व प्रभावित अंगों की समुचित देखरेख जरूरी
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने बताया कि रोगी सहायता समूह समाज में लोगों को रोग नियंत्रण व इससे बचाव संबंधी उपायों के प्रति जागरूक कर रहा है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक मच्छर जनित रोग है। इसका कोई समुचित इलाज नहीं। लेकिन कुशल प्रबंधन व प्रभावित अंगों की समुचित देखरेख से इससे होने वाली जटिलताओं से बहुत हद तक बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान जिले में बेहद सफल साबित हो रहा है।
संभावित रोगियों की खोज के लिये हाल ही में संचालित एनबीएस अभियान में एक भी मरीज नहीं मिलना जिले की बड़ी उपलब्धियों में एक है। वर्ष 2027 तक देश को पूरी तरह फाइलेरिया मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित है। लिहाजा इस दिशा में हर स्तर पर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। ताकि इस उपेक्षित बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सके।
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान जिले में बेहद सफल
सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि रोगी सहायता समूह की मदद से फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को मजबूती मिली है। समूह के सदस्यों को रोग प्रबंधन व प्रभावित अंगों की देखरेख को लेकर प्रशिक्षित किया गया है। रोगग्रस्त मरीजों को रोग के बारे में समुचित जानकारी व उपलब्ध् सरकारी चिकित्सकीय इंतजाम की जानकारी देने में समूह के सदस्य अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रहे हैं। उनके द्वरा लोगों को आसपास जलजमाव न होने देने, मच्छरदानी का प्रयोग व व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखने के लिये समुदाय स्तर पर लोगों को जागरूक करने का प्रयास सराहनीय है।




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