Header Ads Widget

लोक पंच द्वारा आयोजित दशरथ मांझी नाट्य महोत्सव




ज्ञात हो कि सांस्कृतिक संस्था लोक पंच द्वारा संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से दिनांक 14 फरवरी 2024 से 17 फरवरी 2024 तक 4 दिवसीय दशरथ मांझी नाट्य महोत्सव का आयोजन छकूबीघा, दाउदनगर, औरंगाबाद में हो रहा है।

आज दिनांक 14 फरवरी, 2024 की पहली प्रस्तुति कलामंच, नौबतपुर द्वारा राजीव / अमन के लेखन एवं राजीव रंजन प्रसाद के निर्देशन में नाटक "चंडी का वशीकरण" थी, जो विलियम शेक्सपियर की कहानी पर आधारित है।




नाटक "चंडी का वशीकरण" का कथासार निम्नलिखित है:-

चंडी का वशीकरण विलियम शेक्सपीयर की रचना 'द टेमिंग ऑफ द श्रीव' पर आधारित मगही नाटक है। कथाक्रम में मलाहीखंदा गाँव के अमीर व्यक्ति जंग बहादुर सिंह की बड़ी बेटी चंद्रिका स्वभाव से काफी उग्र व सनकी रहती है। जिसके कारण कोई भी लड़का उससे शादी करना नहीं चाहता। पिता एवं आसपास के गाँव के लोग भी उससे आये दिन परेशान रहते हैं। चंद्रिका के स्वभाव के बारे में खजुरी गाँव के दीनानाथ को जब पता चलता है तो वह उससे शादी कर अपने वश में करने में सफल हो जाता है और बाद में दोनों के बीच निःशब्द प्रेम की उत्पत्ति होती है।





पात्र परिचय

जंग बहादुरः चंदन कुमार
चंद्रिका : मौसमी भारती बिन्नीः रिंकल कुमारी
रजनी: राजीव रंजन प्रसाद दीनानाथः दीनानाथ गोस्वामी बिट्टूः सोनु कुमार सीयाः अमन कुमार 
रामः करन कुमार 
पंडित जीः ओम प्रकाश 'फ़ज़ल 
चायवालाः पंकज कुमार चायवाले का बेटा: जलज रंजन 
ग्राहकः अमन कुमार
कोरसः कंचन कुमार, रुचि कुमारी

मंच परे

गीतः पारंपरिक, विद्यानंद भारती 
संगीतः ओमप्रकाश 'फ़ज़ल' रूप सज्जाः कंचन कुमारी एवं चंचला कुमारी 
वस्त्र विन्यासः शिव शंकर हारमोनियमः श्यामाकांत नालः रंजीत दास मंच-सज्जाः पंकज कुमार एवं दीनानाथ गोस्वामी प्रकाश परिकल्पनाः राहुल कु० रवि
नाट्य रूपांतरणः राजीव रंजन प्रसाद एवं अमन परिकल्पना एवं निर्देशनः राजीव रंजन प्रसाद 
प्रस्तुतिः कलामंच, नौबतपुर

दिनांक 14 फरवरी, 2024 का दूसरा नाटक लोक पंच, पटना द्वारा मनीष महिवाल के लेखन- निर्देशन में नाटक "बाल विवाह" था।

नाटक "बाल विवाह" का कथासार निम्नलिखित है:-

पारंपरिक गीत संगीत एवं हास्य से भरपूर इस नाटक की शुरुआत छोटे बच्चों के खेलने से होता हैं जिसमें मुनिया नाम की एक बच्ची भी है जो बकरी चराती है, बाकी बच्चों की तरह मुनिया भी पढ़ना लिखना चाहती है, स्कूल जाना चाहती है, पर मुनिया के माता-पिता यह सोचते हैं की जितनी जल्दी हो सके एक लड़का खोज कर बेटी का हाथ पीला कर दिया जाए। पंडित जी के माध्यम से एक लड़का खोज कर शादी की तैयारी करते हैं। मुनिया के बार-बार मना करने के बाद भी उसके माता-पिता नहीं मानते और बच्ची को शादी के मंडप पर बिठा देते हैं। रिश्तेदार और गांव के लोग शादी में शामिल होने के लिए उपस्थित रहते हैं और शादी शुरू हो जाती है। इसी बीच एक सामाजिक कार्यकर्ता आता है और उन्हें समझाता है कि यह बाल विवाह अपराध है और आप सभी को सजा हो सकती है। व्यक्ति के समझाने के बाद लड़की के माता-पिता एवं गांव के लोगों को समझ में आता है, और शादी को रोका जाता हैं।




नाटक "बाल विवाह" का पात्र परिचय निम्नलिखित है:-

मंच पर

पिता : रजनीश पांडे
बेटी :सोनल कुमारी
पंडित : रोहित कुमार
माता : पायल कुमारी
दूल्हा : अरबिंद कुमार
फूफा : राम प्रवेश 
जीजा : डॉ. विवेक ओझा
दोस्त 1 : हर्ष राज
दोस्त 2 : कृष्ण देव
दोस्त 3 : अभिषेक राज
सहेली : नीलम कुमारी
समाजसेवी : मनीष महिवाल

मंच परे
प्रकाश : राज कुमार
गायन : नीलम कुमारी
संगीत : अभिषेक राज
रूप सज्जा : सोनल कुमारी
वस्त्र विन्यास : रितिका महिवाल
प्रस्तुति नियंत्रक : कृष्ण देव
लेखक / निर्देशक : मनीष महिवाल 
प्रस्तुतिः लोक पंच, पटना




इसके अलावा रंग समूह, पटना द्वारा कुमार उदय सिंह एवं दल द्वारा बिहार के लोक नृत्यों की प्रस्तुति की गयी।

कल दिनांक 15 फरवरी को होने वाली प्रस्तुतियां

1, नाटक "त हम कुंवारे रहे ?" 
2, नाटक "कातिल खेत" 
3, लोक नृत्य
 कुमार उदय सिंह