पटना। खादी की खरीदारी को सरल बनाने एवं खादी को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड, पटना निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में प्राकृतिक खादी उत्पादों को हर पीढ़ी के उपभोक्ताओं तक आसानी से पहुंचाने के लिए खादी वेबसाइट www.biharkhadi.com का क्यूआर कोड (त्वरित प्रत्युत्तर) जेनरेट किया गया है।
अब ग्राहक भारत के किसी भी कोने से क्यूआर कोड स्कैन कर बिहार खादी की वेबसाइट से ऑनलाइन खरीदारी कर पाएंगे। खादी कुर्ता, साड़ी, बच्चों के कपड़े, अंगवस्त्रम, मखाना, लड्डू, तिलकुट, पेंटिंग व खादी ग्रामोद्योग से जुड़े अनेकों उत्पाद इस क्यूआर कोड को स्कैन करते ही ग्राहकों के मोबाइल या टैब स्क्रीन पर दिखने लगेंगे। कोड स्कैन करने के पश्चात ग्राहकों को वेबसाइट के मुख्य पृष्ठ पर छोटा सा पंजीकरण करना होगा ताकि वो आगे आनलाइन खरीदारी कर सकें।
इस संबंध में बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी दिलीप कुमार ने बताया कि यह डिजिटल क्रांति का युग है और उत्पादों के विकास, और विस्तार में डिजिटल तकनीक का बहुत बड़ा योगदान रहा है। आज हम देश के किसी भी कोने में बैठ कर किसी अन्य राज्य के उत्पादों को बेहद ही आसानी से अपने घर मंगवा सकते हैं। इतना ही नहीं, किसी ग्रामीण क्षेत्र में लोगों द्वारा किए जा रहे अनोखे उद्योग- प्रयोग को घर बैठे देख सकते हैं।
खादी की आनलाइन उपस्थिति से बिहार के बाहर रह रहे लोग भी बिहार की भव्य कलाकृति से परिचित हो पाएंगे। इससे जाकेट, कुर्ता-पजामा, शर्ट, ट्राउजर, लेडीज सलवार सूट और खादी कपड़ा, सूती, सिल्क की साड़ियां ग्राहक आनलाइन मंगा सकेंगे। इस नई पहल से ना सिर्फ़ खादी की वैश्विक पहचान बनेगी, बल्कि इससे जुड़े ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी भारी बढ़ावा मिलेगा। पिछले कुछ वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की मांग में लगातार वृद्धि हुई है। इन उत्पादों में उत्पाद परिधान, खाद्य उत्पाद, सौंदर्य प्रसाधन, घर सजावट और स्वास्थ्य उत्पाद शामिल है।
क्यूआर कोड की व्यवस्था गांधी मैदान स्थित खादी मॉल के परिसर में भी उपलब्ध करवाई गयी है। ग्राहक मॉल आकर भी क्यूआर कोड स्कैन कर ऑनलाइन पेमेंट कर सकते है ताकि उनका कीमती समय बचें। खादी की ऑनलाइन खरीदारी की व्यवस्था ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करेगा और उन्हें उनके दरवाजे पर उत्पादों की आपूर्ति कराएगी।
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