- 75 साल Congress, RJD, JDU अलग-अलग और अब एक साथ मिलकर राज कर रहे हैं, इसके बावजूद हर मानक पर बिहार सबसे पिछड़ा है तो इसके लिए यही लोग जिम्मेवार है
- नीतीश – लालू केंद्र में ताकतवर मंत्री थे। इन लोगों ने केंद्र में रहते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिलवाया
- 1.5 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर से डॉक्टर मनमोहन सिंह को ज्ञापन, रामलीला मैदान में रैली के समय केंद्र में किसकी सरकार थी। लालू के समर्थन से केंद्र सरकार चल रही थी।
- उस समय नीतीश कुमार ने आरोप लगाया था कि लालू यादव ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा रुकवा दिया
तेजस्वी यादव अपने पिता से पूछे कि उन्होंने क्यों रुकवा दिया? क्यों नहीं होने दिया?
Congress बताएं कि 2004 से 2014 तक UPA की सरकार थी, उस समय बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिला?
14वें और 15वें वित्त आयोग ने विशेष राज्य के दर्जे की अवधारणा को ही समाप्त कर दिया।
- Inter Ministerial Group तथा रघुराम राजन समिति का गठन कांग्रेस सरकार द्वारा बिहार की माँग पर विचार करने हेतु किया गया था
- दोनों समिति ने विशेष राज्य की दर्जे की मांग को अस्वीकार कर दिया।
- 2002 के बाद देश में किसी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया है।
- भाजपा विशेष राज्य के खिलाफ नहीं है, परन्तु अब यह अवधारणा ही समाप्त हो गई।
- प्रधान मंत्री ने विशेष राज्य से जितनी मदद मिलती उससे ज्यादा बिहार को 1.5 लाख करोड़ के पैकेज के माध्यम से दिया है
- बालू और शराब माफिया को सत्ता का संरक्षण मिलना बंद हो जाए तो बिहार को 20 हजार करोड़ की अतिरिक्त मदद मिल सकती हैं ।
- चुनाव के मौके पर यह माँग एक चुनावी स्टंट है। बिहार की जनता इन लोगों को पहचान चुकी है।
- यह भी एक मिथक है कि विशेष राज्य के दर्जे से ही बिहार विकसित बन सकता है। जिन राज्यों को मिला वे कहाँ विकसित हो पाए।
- देश के विकसित राज्य बिना विशेष दर्जे के विकसित बन गए
- राज्य यदि 2.5 लाख प्रत्येक गरीब परिवार को देना चाहता है तो यह भी सुनिश्चित करें कि पैसा कहां से आएगा
- लोगों को नियुक्ति पत्र बाँट रहे हैं, परन्तु पैसे का ठिकाना नहीं और फिर ठीकरा केंद्र पर फोड़ेंगे।
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