विश्व दृष्टि दिवस:
- स्वास्थ्य संस्थानों में जागरूकता संबंधी हुए कई कार्यक्रम
- काम के समय रोशनी से करें प्यार की थीम पर हुआ विश्व दृष्टि दिवस का आयोजन
अररिया, 12 अक्टूबर ।
Son of Simanchal Gyan Mishra
आंखें इंसान के शरीर का सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण अंग है. जो हमें ये दिखाती है कि ये दुनिया कितनी खूबसूरत है और इसमें कितने रंग भरे हैं. इसलिये शरीर के इस बेशकीमती अंग की समुचित देखभाल भी जरूरी है. गौरतलब है कि दुनियाभर के देशों में आंखों से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. लिहाजा आंखों की समुचित देखरेख व इससे जुड़ी समस्याओं के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 12 अक्टूबर को विश्व दृष्टि दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष विश्व दृष्टि दिवस काम के समय रोशनी से प्यार करें की थीम पर आयोजित किया जा रहा है.
मौके पर गुरुवार को जिलेभर में जागरूकता संबंधी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया. इसके माध्यम से लोगों को आंखों की सेहत के प्रति जागरूक करते हुए, उन्हें जरूरी जांच व इलाज संबंधी सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी.
आंखों की सेहत का समुचित ध्यान रखना जरूरी -
सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि टैब्लेट, कंप्यूटर व स्मार्टफोन व टीबी के बढ़ते उपयोग के कारण आंखों की सेहत का समुचित ध्यान रखना आज जरूरी हो गया है. आजकल कंप्यूटर विजन सिंड्रोम से लोग तेजी से प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि छोटे उम्र के बच्चे भी आंखों से जुड़ी समस्या के शिकार हो रहे हैं. दृष्टिबाधा के मामले लगभग सभी उम्र के लोगों में है. अंधापन या खराब दृष्टि किसी व्यक्ति की शिक्षा, रोजगार के अवसर व जीवन की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करता है. इसलिये आंखों की सेहत का समुचित ध्यान रखना जरूरी है.
आंखों से जुड़ी बीमारी इस रूप में आ सकता है सामने -
मायोपिया आंखों से संबंधित ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति पास की चीज को देख सकता लेकिन दूर की वस्तु उन्हें स्पष्ट नहीं दिखती है. इसी तरह हाइपरमेट्रोपिया यानी दूर दृष्टि दोष संबंधी शिकायत में व्यक्ति को दूर की वस्तु स्पष्ट दिखती है. नजदीक की चीज दिखने में परेशानी होती है. दृष्टि दोष के मामले में आस-पास की वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल होता है. इसके लक्षण आमतौर पर 40 साल उम्र के बाद शुरू होते हैं. वहीं आंखों के लेंस धुंधला होने से मोतियाबिंद की बीमारी होती है. इससे आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगती है. सिविल सर्जन ने बताया कि आंखों की मोतियाबिंद के इलाज व ऑपरेशन की सुविधा स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को नि:शुल्क उपलब्ध करायी जा रही है.
इस तरह रखें आंखों की सेहत का ध्यान -
नियमित अंतराल पर कुछ व्यायाम आंखों की सेहत के लिये उपयोगी माना जाता है. इसमें पांमिग यानी हाथों को आपस में रगड़ कर हाथों को अपनी बंद आंखों पर रखें तीन से पांच मिनट तक गहरी सांस लेने की सलाह दी जाती है. इसी तरह सचेत रूप से पलकें झपकाने से आंसू निकलते हैं. इससे आंखों को नमी मिलती है. जो आंखों की सेहत के लिये उपयोगी है.
डिजिटल उपकरण के कारण होने वाले तनाव को कम करने के लिये एक्सपोजर के हर 20मिनट में बस 20 सेकेंड के लिये लगभग 20 फीट दूर की चीजों को देखना आंखों की सेहत के लिये उपयोगी होता है. वहीं कंप्यूटर विजन सिंड्रोम यानी टैब्लेट, कंप्यूटर, स्मार्टफोन के अधिक उपयोग की वजह से सिरदर्द, आंखों में जलन, आंखों की थकान व धुंधली दृष्टि जैसी समस्याओं से बचने के लिये इन इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के इस्तेमाल में एक अंतराल जरूर लेकर आयें ताकि आपकी आंखों को थोड़ा आराम मिल सके.