- -राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य अधिकारियों के लिये कार्यशाला आयोजित
- -टीबी उन्मूलन के प्रयासों में सामूहिक भागीदारी की है जरूरत, हर किसी का सहयोग जरूरी
अररिया, 18 अप्रैल ।
SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA
राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण मंगलवार को शुरू हुआ। रेड क्रॉस सभा भवन में आयोजित प्रशिक्षण के पहले दिन जिले सभी पीएचसी से दो चिकित्सक प्रशिक्षण में शामिल हुए। दूसरे दिन का प्रशिक्षण प्रखंडों में कार्यरत एसटीएस, एसटीएलएस, जिला टीवी व एचआईवी काउंसेलर, डीपीएस व डीईओ के लिये आयोजित होगा। कार्यशाला का उद्घाटन जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ वाईपी सिंह, जिला टीबी व एड्स समन्वयक दामोदर प्रसाद सहित उपस्थित वरीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने सामूहिक रूप से किया। कार्यशाला में भाग लेते हुए डब्ल्यूएचओ के कंस्लटेंट डॉ मेजर अवकाश सिन्हा ने स्वास्थ्य अधिकारियों को टीबी रोग की पहचान व इलाज से जुड़े महत्वपूर्ण पहलूओं से अवगत कराया।
खोज, इलाज, बचाव व जागरूकता से टीबी पर पूर्ण नियंत्रण संभव
डब्ल्यूएचओ के कंस्लटेंट डॉ (मेजर) अवकाश सिन्हा ने बताया कि टीबी की जांच व इलाज से जुड़ी तकनीक में हाल के दिनों में आये बदलाव व महत्वपूर्ण सरकारी प्रावधानों के प्रति स्वास्थ्य अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराना कार्यशाला का उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि मरीजों की खोज, इलाज, बचाव व जागरूकता से टीबी पर पूर्ण नियंत्रण संभव है। वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत निर्माण के लिये पेसिव केस फाइडिंग के साथ कान्टैक्ट ट्रेसिंग, होम विजिट व संवेदनशील इलाकों में एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान को ज्यादा प्रभावी बनाने की पहल की जा रही है। इतना ही नहीं हर दिन ओपीडी में में इलाज के लिये आने वाले मरीजों को डायबिटीज, ब्लड़ प्रेशर, एचआईवी सहित अन्य गंभीर रोग से पीड़ित रोगियों के लक्षणों के आधार पर टीबी जांच की सलाह उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को दी।
सामूहिक भागीदारी से पूरी तरह खत्म होगी टीबी
जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ वाईपी सिंह ने बताया कि वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत निर्माण को लेकर हर स्तर पर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। टीबी को पूरी तरह खत्म करने के लिये सामूहिक भागीदारी निभाने की जरूरत है। सिर्फ टीबी नियंत्रण केंद्र के लोग ही नहीं स्वास्थ्य विभाग से जुड़े तमाम अधिकारी व कर्मियों के साथ आम लोगों को भी इस मुहिम से जुड़ना होगा। इस दिशा में हाल के दिनों में काफी प्रगति हुई है।
बेहद सुलभ हो चुका है जांच व उपचार की सुविधा
जिला टीबी व एड्स समन्वयक दामोदर प्रसाद ने बताया कि टीबी की जांच व उपचार की सुविधा बेहद सुलभ हो चुका है। सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में अवस्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर इसके लिये सभी जरूरी इंतजाम उपलब्ध हैं। वेलनेस सेंटर के माध्यम से क्षेत्र में टीबी के प्रति जन जागरूकता को लेकर विशेष पहल की जा रही है। साथ ही सीएचओ के माध्यम से टीबी मरीजों चिह्नित करने से लेकर उनके उपचार की जरूरी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।