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बदलते खानपान व जीवनशैली की वजह से बढ़ रहे डायबिटीज के मामले



  • -बदलते खानपान व जीवनशैली की वजह से बढ़ रहे डायबिटीज के मामले
  • -संतुलित खानपान व स्वस्थ जीवनशैली से बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण संभव

अररिया, 31, मार्च।

SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA

डायबिटीज रोग तेजी से फैल रहा है। युवा और बच्चे तेजी से इस रोग के शिकार हो रहे हैं। ब्लड शुगर लेवल का अनियंत्रित होना किसी रोगी के लिए घातक साबित हो सकता है। इसलिए इससे बचाव व शुगर को नियंत्रित करने के लिए खान-पान व जीवन शैली में बदलाव को जरूरी माना जाता है। अनुशासित जीवनशैली डायबिटीज से बचाव व इसे नियंत्रित करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। अनुशासित जीवनशैली को अपना कर डायबिटीज के खतरों से बहुत हद तक बचाव संभव है। विशेषज्ञों की मानें तो डायबिटीज के प्रति लापरवाही से यह बीमारी स्नायुतंत्र, आंखें, दिमाग, किडनी व हृदय संबंधी रोगों की वजह बन सकती है। मरीज द्वारा रोजमर्रा की आदतों में बदलाव कर इस बीमारी को आगे बढनेे से रोका जा सकता है।

संयमित जीवन शैली को अपनाना जरूरी-


सिविल सर्जन विधानचंद्र सिंह ने बताया कि दौड़भाग भरी जीवन शैली में लोग खाने के नियम तय करें, मधुमेह के रोगियों को कभी भी किसी भी समय का भोजन टाल कर नहीं करना चाहिए। सामान्य रूप से प्रत्येक व्यक्ति को दिन में 3-4 बार भोजन करना चाहिए। ताकि शुगर लेवल कंट्रोल रहे। इसमें किसी तरह की लापरवाही न करें। सुबह का नाश्ता सूर्योदय के बाद जल्दी से जल्दी करना अच्छा होता है। खिचड़ी, दलिया, अंकुरित अनाज, दूध व फल आदि को नाश्ते में ले सकते हैं।

ग्रामीण इलाकों में बढ़ रहे मरीज-


डायबिटीज के मामले में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है। सदर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेंद्र कुमार बताते हैं कि दो तिहाई डायबिटिक व्यक्ति मध्यम वर्ग, छोटे कस्बों तथा गांवों से आते हैं। जागरूकता की कमी स्वास्थ्य संबंधी मामलों में सतर्कता के अभाव की वजह से बीमारी देर में पकड़ आती है। बाद में इसे नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है।




उन्होंने बताया कि सामान्य रूप से प्रत्येक व्यक्ति को दिन में तीन से चार बार भोजन करना चाहिए। ताकि शुगर लेवल कंट्रोल रहे। नियमित रूप से अपने भोजन में खिचड़ी, दलिया, अंकुरित अनाज, दूध व फल का उपयोग रोग नियंत्रण के लिहाज से महत्वपूर्ण होता है।

रोग नियंत्रण को लेकर हो रही जरूरी पहल-

सिविल सर्जन डाॅ विधानचंद्र सिंह ने कहा कि डायबिटीज के बढ़ते मामलों पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग विशेष रणनीति के तहत जरूरी पहल कर रहा है। इसके लिये एनसीडी सेवाओं की बेहतरी पर विभाग की निगाहें टिकी हैं । सदर अस्पताल सहित विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में हर दिन 30 साल से अधिक उम्र के लोगों की स्क्रीनिंग का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल फारबिसगंज में हर दिन निर्धारित आयु वर्ग के 50 लोगों की जांच व सभी सीएचसी में 30 व सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 10 लोगों की जांच करते हुए उन्हें जरूरी चिकित्सीय परामर्श व दवा नि:शुल्क उपलब्ध कराने की रणनीति पर अमल किया जा रहा है।