आज दिनांक 13 मार्च को नाट्य संस्था रंगम पटना द्वारा सुरेन्द्र वर्मा द्वारा लिखित नाटक " मरणोपरांत" का मंचन पटना के स्थानीय कालिदास रंगालय में हुआ। जिसका परिकल्पना एंव निर्देशन रास राज ने किया |
कथासार
नाटक मरणोपरांत, स्त्री-पुरूष एंव प्रेमी के त्रिकोणीय संबंधों पर एक कड़ी टिप्पणी है । स्त्री को अपनी संपूर्णता की तलाश में किसी गैर मर्द के साथ जुड़ जाना, बाद में ट्रक के साथ हैड लॉन्ग क्रैश स्त्री की मृत्यु हो जाना और उसके मरणोपरांत पति को प्रेमी के दिये कुछ निशानियों से पूरे प्रकरण का पता चल जाना जो काफी रोमांचक हो जाता है ।
जब किसी स्त्री की शादी होती है तो पति ही पहला व्यक्ति होता है। जब शादी के बाद किसी से प्रेम हो जाता है तो प्रेमी पहला व्यक्ति हो जाता है और पति दूसरा व्यक्ति बन जाता है। इस कहनी में भी कुछ ऐसा हीं है। लड़की आफिस में जॉब के दौरान पति के परवाह किये बिना किसी गैर पुरुष को दिल दे बैठती है। दोनो एक दूसरे के प्रति आकर्षित होने लगते हैं, दोनो का प्यार, मोहब्बत परवान चढ़ने लगता है। लेकिन अचानक एक दिन स्त्री का ट्रक के साथ हैड - लांग क्रैश एक्सीडेंट हो जाता है। पति को सूचना मिलती है। हॉस्पिटल पहुँचते ही 7-8 मिनट के बाद दम तोड़ देती है। पत्नी के पर्स से प्रेमी के दिए हुए कुछ महत्वपूर्ण निशानिया के साथ एक फ़ोन नंबर बिना नाम का मिलता है। इन चीज़ों के मिलने के बाद पत्नी के प्रेम रहस्य से पर्दाफाश होता है कि मेरी पत्नी किसी दुसरे पुरुष के रिलेशनशिप में थी ।
पति उस पुरुष को फ़ोन कर मिलने को कहता है। दोनों एक जगह पहली बार मिलते हैं। उनका सामना स्त्री-पुरुष संबंधों की सूक्ष्म पेचीदगियों और विवाहेतर संबंधों की कुंठाओं को प्रकट करता है। दोनों युवती के साथ साझा किए गए अंतरंग पलों का खुलासा करके एक-दूसरे को शर्मिंदा करते हैं। और साथ ही ये भी पता चलता है कि दोनों पुरुष स्त्री को लेकर काफी पजेसिव थे। नाटकीय एक्शन तब और भी दिलचस्प हो जाता है जब दिखाया जाता है कि पत्नी अपने नए प्रेमी के लिए उसे लगभग छोड़ दिया था ।
विडम्बना यह है कि निराश पति के पास अपनी बेवफा पत्नी से इसका कारण पूछने का भी अवसर नहीं है। अंततः दोनों उस स्त्री को भूलने की राह की तलाश में निकल जाते हैं। निर्देशक ने अत्यधिक प्रयोगात्मक और बौद्धिक विषयगत डिजाइन के माध्यम से आंतरिक संघर्षों को उजागर किया है।
मंच पर
स्त्री - रुपाली मल्होत्रा
पहला व्यक्ति - रास राज
दूसरा व्यक्ति - कुनाल सत्यन वेटर- चन्दन कुमार
मंच परे
मंच संचालन - विभा कपूर प्रकाश परिकल्पना- राहुल रवि
संगीत- आदर्श राज प्यासा, अक्षय कुमार
मंच परिकल्पना - सतीश कुमार एंव सुनील शर्मा
टिकट पर - शिवम कुमार, पिंकू राज
वस्त्र विन्यास - पिंकू राज, निभा
रूप सज्जा - निभा फोटोग्राफी - स्वस्तिक, विभा कपूर
प्रस्तुति संयोजक - रमेश सिंह, मनोज राज वीडियोग्राफी - आदित्य शर्मा, निहाल कुमार दत्ता
हम आभारी हैं - सत्यन फिल्म्स प्रोडक्शन, जनता होमियो राजा बाज़ार, आफ्टर स्कूल , गेट वेल मेडिकल, लिटिल क्रिएटर प्ले स्कूल, ऐड फॉर मैनकाइंड, शारदा पाइप, बहुरानी कलेक्शन, अमित फोटोग्राफी स्टूडियो, बिहार आर्ट थियेटर एंव मिडिया बंधु |
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Manish Mahiwal
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