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डायबिटीज की शिकार गर्भवती महिलाएं रखें अपने सेहत का समुचित ध्यान



  • डायबिटीज की शिकार गर्भवती महिलाएं रखें अपने सेहत का समुचित ध्यान
  • ब्लड बल्ड सुगर लेबल के उचित प्रबंधन से संभव है सामान्य व सुरक्षित प्रसव
  • किसी तरह की लापरवाही से महिला के साथ उनके गर्भस्थ शिशु को हो सकता है जान का खतरा

अररिया, 6 जनवरी।
SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA

डायबिटीज वर्तमान दौर में एक आम बीमारी का रूप ले चुका है। अनियमित खान-पान और जीवनशैली में बदलाव की वजह से आज हर आयु वर्ग के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। डायबिटीज रोगियों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। ऐसे में लोगों को इससे बचाव के प्रति सतर्क व सावधान रहने की जरूरत है। खासकर डायबिटीज की शिकार गर्भवती महिलाओं के मामले में ये और भी जरूरी है। दरअसल मधुमेह के प्रति लापरवाही गर्भवती महिलाओं के लिए पेरशानी का सबब बन सकता है। इससे प्रसव संबंधी जटिलताओं के बढ़ने का खतरा तो होता ही है, साथ ही इससे गर्भस्थ शिशु का समुचित विकास भी प्रभावित होता है।

बढ़ जाता है गर्भपात की संभावना

सदर अस्पताल की चिकित्सक डॉ अनुजा मिश्रा ने बताया कि अनियंत्रित डायबिटीज के कारण प्रथम तिमाही के दौरान गर्भा गर्भपात की संभावना अधिक होती है। उचित प्रबंधन के अभाव में गर्भवती माताएं व उनके गर्भस्थ शिशु को कई तरह की जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। 




अनियंत्रित डायबिटीज के कारण इन्फेक्शन, प्रसव अवधि में बढ़ोतरी, प्रसव संबंधी जटिलता, प्रसव के दौरान अत्यधिक रक्तस्त्राव का खतरा होता है। इससे प्रसूता के लिये जान का जोखिम होता है। इतना ही नहीं, गर्भस्थ शिशु को भी कई तरह के स्वास्थय जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। शिशु के जन्म में देरी, बर्थ डिफेक्ट, बर्थ इन्जरी का खतरा होता है।

किसी तरह की लापरवाही से बचना जरूरी

सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ राजेंद्र प्रसाद के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान मधुमेह से ग्रसित महिलाओं को नियमित जांच व आवश्यक उपचार की जरूरत होती है। इसमें किसी तरह की लापरवाही से गर्भवती महिला व गर्भस्थ शिशु के जान को खतरा होता है। इससिलिये य गर्भवती महिलाओं को नियमित अंतराल पर ब्लड बल्ड शुगर की जांच करानी चाहिये। ताकि इससे जुड़ी परेशानियों को समय रहते प्रबंधित किया जा सके। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल सहित जिले के सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों में डायबिटीज जांच की निश:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। हर किसी को इसका लाभ उठाना चाहिये।

संभव है सुरक्षित और व सामान्य प्रसव

डायबिटीज पीड़ित महिलाएं भी सुरक्षित व सामान्य तरीके से शिशु को जन्म दे सकती हैं। इसके लिये उन्हें अपने ब्लड बल्ड सुगर को नियंत्रित रखने की जरूरत होती है। उचित खान-पान, नियमित दिनचर्या व सामान्य योग, प्राणायाम व व्यायाम की मदद ली जा सकती है। जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने कहा कि विभागीय स्तर से भी सुरक्षित व सामान्य प्रसव को प्राथमिकता दी जा रही है। 



इसके लिये एएनसी जांच के क्रम में भी प्रमुखता के आधार पर महिलाओं के ब्लड बल्ड सुगर लेबल की जांच की जाती है। उन्होंने कहा कि डायबिटीज ही नहीं प्रसव संबंधी किसी भी तरह की जटिलता, गंभीर संक्रामक रोग से महिला व उनके गर्भस्थ शिशु की सुरक्षा के लिहाजा से नियमित अंतराल पर चार प्रसव पूर्व जांच जरूरी है। हर महीने इसके लिये जिले में विशेष अभियान संचालित कर अधिक से अधिक गर्भवती महिलाओं तक इसका लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।