- कुर्साकांटा प्रखंड में चिकन पॉक्स संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण के उपायों में जुटा विभाग
- प्रभावित इलाकों में विशेष मेडिकल टीम प्रतिनियुक्त, संक्रमित के स्वास्थ्य पर है नजर
अररिया, 11 जनवरी ।
SON OF SIMANCHAL GYAN MISHRA
जिले के कुर्साकांटा प्रखंड में चिकन पॉक्स संक्रमण के बढ़ते मामलों पर प्रभावी नजर रखी जा रही है। विभागीय स्तर से संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिये जरूरी एहतियाती उपायों पर जोर दिया जा रहा है। गौरतलब है कि प्रखंड के लक्ष्मीपुर पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या 07 में बीते दिनों 32 वर्षीय एक व्यक्ति के पूर्णिया स्थित निजी क्लिनिक में इलाज के दौरान हुई मौत के पीछे संक्रमण को जिम्मेदार माना जा रहा है। हालांकि जिला स्वास्थ्य विभाग चिकन पॉक्स की वजह से व्यक्ति की मौत की पुष्टि नहीं करता है। बावजूद प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता काफी बढ़ा दी गयी है। चिकित्सकों का विशेष दल लगातार प्रभावित गांव का दौरा कर रहा है। जहां संक्रमितों के समुचित इलाज के साथ उन्हें जरूरी दवा उपलब्ध कराया जा रहा है।
विशेष मेडिकल टीम कर रहा है संक्रमितों का इलाज
कुर्साकांटा पीएचसी प्रभारी डॉ जमील अहमद ने बताया कि प्रखंड के लक्ष्मीपुर पंचायत अंतर्गत महेशखुंट व शंकरपुर पंचायत के मैगरा में चिकन पॉक्स संक्रमण का मामला सामने आया है। जानकारी मिलने के बाद से ही विशेष मेडिकल टीम प्रभावित गांव का नियमित दौरा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक महेशखुंट में संक्रमण के 12 व मैगरा में कुल 14 संक्रमितों की पहचान हुई है। उन्होंने कहा प्रभावित मरीजों का समुचित जांच के बाद उनका इलाज जारी है। उन्होंने फिलहाल सभी संक्रमितों की सेहत सामान्य होने की बात कही। साथ ही प्रभावित इलाके के लोगों को एहतियाती कदम अपनाने के लिये जागरूक किया जा रहा है।
तेजी से ठीक हो रहे हैं संक्रमित मरीज
प्रभावित इलाके में मरीजों के इलाज के लिये गठित विशेष चिकित्सकीय दल का नेतृत्व कर रहे डॉ सावन ने बताया कि संक्रमितों में अधिकांश बच्चे शामिल हैं। डॉ सावन ने कहा कि संक्रमितों के शरीर में उग आये फफोल अब सूखने लगे हैं। कई मरीज अब इससे पूरी तरह उबर चुके हैं। संक्रमितों को फिलहाल होम आइसोलेनशन में रहने की सलाह दी गयी है। उन्होंने कहा कि चिकन पॉक्स संक्रामक बीमारी है। जो शरीर में छोटे, पानी से भरे फफोले के साथ खुजलीदार दाने की वजह से होता है।
प्रभावित इलाके पर विभाग की नजर, एहतियाती उपायों पर जोर
सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि बच्चों में चिकनपॉक्स का संक्रमण आम है। हालांकि किसी व्यस्क के संक्रमित होने पर वे गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं। ये कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है। चिकनपॉक्स की शुरूआत बुखार से होती है। इसके एक से दो दिन शरीर में दाने निकल आते हैं दाना लाल धब्बों से शुरू होता है। जो जल्द पानी से भरे फफोले में तब्दील हो जाता है। संक्रमित के शरीर में दाना आने से एक दिन पूर्व ये अधिक संक्रामक होता है। संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने, उसके खांसने व छिंकने के कारण नजदीकी लोग संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। वायरस नाक या मूंह के माध्यम से स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है। इसलिये संक्रमितों से दूरी बनाये रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाके में संक्रमण के प्रसार पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये गये हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर समुचित नजर बनाये हुए है।