- भीषण ठंड व शीतलहर में बच्चों की सेहत पर विशेष ध्यान देने की जरूरत
- मोटे ऊनी कपड़ों के साथ बच्चों के सभी अंग को ढक कर रखना जरूरी
- बच्चों के बीमार होने पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में करायें इलाज
अररिया, 04 जनवरी ।
ठंड के मौसम में हर उम्र के लोगों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। लेकिन छोटे उम्र के बच्चे व बुजुर्गों के सेहत से जुड़ी चिंताएं काफी बढ़ जाती हैं । दोनों ही उम्र के लोगों के ठंड से बचाव को लेकर विशेष देखभाल की जरूरत होती है। छोटे उम्र के बच्चे व बुजुर्गों को अधिक ठंड लगती है। ठंड व शीतलहर के प्रकोप से बच्चों को बचाने के लिये उन्हें मोटे ऊनी कपड़े पहनाने के साथ-साथ उनके सभी अंगों को ठीक से ढक कर रखने की जरूरत है। ताकि ठंड हवाओं से उनका बचाव किया जा सके।
ढके रहने चाहिये बच्चों के सभी अंग
सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि ठंड लगने पर बच्चों को सर्दी-जुकाम, खांसी व दस्त संबंधी शिकायत होती है। बच्चों के सांस की नली संकरी होती है। ऐसे में बलगम जमा होने पर उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है। इसलिये छोटे उम्र में बच्चों को ठंड से विशेष तौर पर बचाव की जरूरत होती है। बच्चों के डाइपर समय समय पर बदलना चाहिये। ताकि लंबे समय तक उन्हें नमी के संपर्क में आने से बचाया जा सके। पर्याप्त ऊनी कपड़ों के साथ-साथ शरीर के सभी अंगों को ढक कर रखना ठंड से बचाव के लिये जरूरी है।
उन्होंने कहा कि बच्चों में सेहत से जुड़ी किसी तरह की समस्या होने पर अपने स्तर से इलाज की जगह नजदीकी स्वास्थ्य संस्थानों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में उनका समुचित इलाज कराना चाहिए ।
सिर, तलवा, नाक व हाथ में लगती है अधिक ठंड
सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक सह डीआईओ डॉ मोईज बताते हैं कि भीषण ठंड लगने पर बच्चों को सर्दी-जुकाम, बुखार के साथ-साथ स्किन का फटना, ड्राइनेस सहित अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे बचाव के लिये उन्हें सही तरह से ढक कर रखने के साथ-साथ पर्याप्त गर्म कपड़े पहनाने की जरूरत होती है। बच्चों को सबसे अधिक ठंड उनके सिर, तलवे, नाक व हाथों में लगती है। इसीलिये बच्चों के सिर को हमेशा टोपी या गर्म कपड़े से ढक कर रखा जाना चाहिये।
इसी तरह मोजे पहनाना, बच्चों के नाक को गर्म हाथों से सिंकाई व पूरे शरीर का गर्म तेज से मसाज जरूरी है। इसी तरह बच्चों के हाथों को ढक कर रखना जरूरी होता है। इतना ही नहीं, दिन व रात में सोते समय स्वेटर, मोजे व टोपी उतार दें।
महत्वपूर्ण बातें
- सोते समय बच्चों के स्वेटर, मोजा व दस्ताने उतार दें
- सोते समय पसीना होने पर ठंडी हवा से हो सकती है बच्चों को परेशानी
- बच्चों को मच्छरदानी में सुलाएं, इससे ठंड व मच्छर से बचाव होगा।
- ऊंची व सेंथेटिक कपड़े से बच्चों को एलर्जी हो सकती है इसका ध्यान रखें
- नर्म ऊनी कपड़ों का इस्तेमाल करें, कपड़ों की नियमित सफाई जरूरी है।