दिनांक 27 दिसम्बर, 2022
प्रेमचंद रंगशाला, पटना में चित्राभिनय, पटना द्वारा सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी पर आधारित नाटक ग्रामीणा का मंचन सफलतापूर्वक किया गया। इस नाटक का नाट्य रूपांतरण व निर्देशन यूरेका ने किया है। इसके साथ ही मुख्य भूमिकाओं में यूरेका, कौशिक कुमार, शशांक तिवारी, अभिषेक कुमार आनन्द, ऋषिकेश कुमार ने निभाई।
यह कहानी सोना के ग्रामीण जीवन को और उसके प्रकृति के प्रति लगाव को दर्शाती है। लेकिन इसके माता-पिता इस बात को नहीं समझ पाते और दूर शहर में इसका विवाह कर देते हैं। लेकिन खेत खलिहान से दूर, एक बंद कमरे में रहते - रहते वह घुटने लगती है और अपने पति से उम्मीद करती है कि उसकी स्थिति को समझे। अपने पति के द्वारा तिरस्कृत होने के बाद वह अपने जीवन का अंत करने का फैसला ले लेती है।
ग्रामीणा
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कहानी-: सुभद्रा कुमारी चौहान
प्रकाश -: रौशन कुमार
संगीत -: रजनीश कुमार
नाट्य रूपांतरण एवं निर्देशन -: यूरेका
मंच पर
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सूत्रधार -: शशांक तिवारी
सोना -: यूरेका
विश्व मोहन -: कौशिक कुमार
राजू /ठेलेवाला -: अभिषेक कुमार आनंद
फैजू -: ऋषिकेश राजपूत
मंच परे
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नेपथ्य से आवाज -: अलका सिन्हा एवं मिथिलेश प्रसाद
वस्त्र विन्यास -: आशीष राज, सपना कुमारी, वैभव दिव्यांशु
मंच निर्माण -: राजीव राय ,विकी राजवीर
नृत्य संरचना -: रिबेका
रूप सज्जा -: अंजू कुमारी एवं मनोज मयंक
प्रस्तुति प्रभारी -: मिथिलेश प्रसाद,राज किशोर कुमार, शंभू किशोर शर्मा, संतोष कुमार, अच्युतानंद स्वामी
वीडियो रिकॉर्डिंग -: राज नीरज राज
नाट्य प्रस्तुति - चित्राभिनय, पटना.
रिहर्सल साभार - रंग मार्च, पटना.