पटना । उर्दू, और हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक तथा मशहूर नाट्य संस्था प्रयास के उपाध्यक्ष इं० शमोएल अहमद का देहावसान 25 दिसम्बर 2022 को एक लम्बी बीमारी के बाद हो गया। वे दिल्ली में इलाजरत् थे। वे बिहार सरकार में मुख्य अभियंता के पद पर भी कई वर्षों तक सुशोभित रहे थे।
ऊँट, सिन्दुरदान, लूँगी जैसी प्रसिद्ध कहानियाँ तथा नदी, चमरासुर एवं अन्य चर्चित उपन्यासों के रचयिता स्व० अहमद हिन्दी और उर्दू दोनों भाषाओं में निष्यात थे। 'ऊँट' कहानी पर ही प्रयास संस्था ने 'मज़हबी सकीना' का शानदार नाट्य प्रदर्शन किया था। ऐसे रचनात्मक व्यक्तित्व का एकाएक गुजर जाना साहित्य एवं नाट्य जगत के लिए ऊपूरणीय क्षति है।
आज 'प्रयास' के प्रांगण में उनकी याद में एक श्रद्धाज्जलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें प्रयास के महासचिव श्री मिथिलेश कुमार सिंह एवं उपाध्यक्ष श्री बाँके बिहारी साव, रवि भूषण 'बबलू', रीतेश परमार, सिद्धांत कुमार, विनोद कुमार, रामेश्वर कुमार, सौरभ कुमार सिंह, अनीश अंकुर, सिद्धेश्वर, अनवर उल्लाह सहित उदय कुमार शंकर ने भी अपने शब्दों में उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इस श्रद्धान्जलि सभा में प्रसिद्ध शायर संजय कुमार कुन्दन, वातायन पब्लिकेशन के मालिक राजेश कुमार शुक्ला, प्रो० बी०एन० विश्वकर्मा, प्रसिद्ध लेखक अरूण शाद्वल, शाहीद जमील और राजन झा सहित शहर के कई गणमान्य साहित्यकारों एवं नाटककारों ने उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धान्जलि अर्पित की। यह शोक सभा 'प्रयास' एवं 'वातायन' के द्वारा आयोजित किया गया।




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